PATNA : पटना में जिउतिया के दिन एक मां की आस को भगवान ने टूटने से बचा लिया. जिस बेटे की घर में अर्थी सजाई जा रही थी उसकी सांस चलने लगी. जिसके बाद युवक को आनन-फानन में पीएमसीएच में भर्ती कराया है, जहां उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई है.
बताया जा रहा है कि 7 सितंबर को 17 साल का सौरभ सड़क दुर्घटना में गंभीर रुप से घायल हो गया था. जिसके बाद उसे इलाज के लिए कंकड़बाग के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. 2 दिनों में निजी अस्पताल में लगभग दो लाख रुपये का बिल चुकाने के बाद अस्पताल ने वेंटिलेटर से उतार कर युवक को मृत घोषित कर दिया औऱ उसकी बॉडी को पैक करके एंबुलेंस में डाल घर भेज दिया. परिजन मृत समझ कर घर ले आए. जबकि धोखे से जो सर्टिफिकेट दिया गया है उसपर रेफर लिख दिया गया था.
जिसके बाद परिजन शव को लेकर हरदास बिगहा के कटौना गांव पहुंचे. जहां दाह संस्कार की तैयारी की जाने लगी, अर्थी पूरी तरह सज गई थी. परिजन रो रहे थे, तभी मां ने देखा कि अर्थी पर पड़े सौरभ की ऊंगलियां हिलने रही है औऱ धड़कन चलने लगीं. सौरभ की आंखें भी कुछ देर के लिये खुलीं. इसके बाद सभी उसे लेकर तुरंत पीएमसीएच पहुंचे. जहां उसका इलाज किया जा रहा है. हालांकि उसकी हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है.