अरबों रुपये के सृजन घोटाले में एक और गिरफ्तारी, आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेजा गया जेल

अरबों रुपये के सृजन घोटाले में एक और गिरफ्तारी, आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेजा गया जेल

PATNA : बिहार के बहुचर्चित अरबो रुपये के सृजन घोटाला एक और गिरफ्तारी हुई है. पूर्व चार्टर्ड एकाउंटेंट की भागलपुर से गिरफ्तारी के बाद सीबीआई ने सृजन घोटाले की आरोपित रूबी कुमारी को भी गिरफ्तार कर लिया है. पकड़े गए आरोपी को सीबीआई की विशेष अदालत में पेश किया, जहां न्यायिक हिरासत में लेते हुए उन्हें जेल भेज दिया गया. अभी भी इस बड़े घोटाले में कई लोगों की तलाश जारी है, जो पुलिस और जांच एजेंसी की पकड़ से दूर हैं.


सीबीआई के अधिकारियों ने भागलपुर से गिरफ्तार किए गए अभियुक्त पूर्णेंदु कुमार और रूबी देवी को शुक्रवार को विशेष न्यायिक दंडाधिकारी अनंत कुमार की अदालत में पेश किया. जहां न्यायालय ने उन्हें न्यायिक हिरासत में लेने के बाद 26 अगस्त 2021 तक के लिए जेल भेजने का आदेश दिया. गौरतलब हो कि अदालत ने गुरुवार को ही इस मामले के इन दोनों अभियुक्तों समेत आठ लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी कर सीबीआई को सौंपा था.


आपको बता दें कि इस बड़े घोटाले  की किंगपीन रही मनोरमा देवी की बहू रजनी प्रिया भी शामिल है. जिन आठ आरोपितों के खिलाफ गैर जमानतीय वारंट जारी किया गया था, उनमें पुर्णेन्द्र कुमार और रूबी कुमारी को सीबीआई ने भागलपुर से गिरफ्तार कर लिया है. पहले पुर्णेन्दु कुमार को दबोचा गया था. उसके बाद रूबी कुमारी भी गिरफ्तार कर ली गई.


जिन आठ आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया था, उसमें रजनी प्रिया के साथ-साथ सृजन महिला विकास समिति से जुड़े चार्टर्ड अकाउंटेंट पूर्णेन्दु कुमार, सतीश कुमार झा, सीमा देवी, जैस्मा खातून, राजरानी वर्मा, अर्पण वर्मा और रूबी कुमारी का नाम शामिल था. आपको बता दें कि इस मामले में सृजन महिला विकास समिति की मैनेजर सरिता झा और शुभ लक्ष्मी समेत अन्य आरोपी पहले से न्यायिक हिरासत में जेल के अंदर हैं.


एक अरब 36 करोड़ 93 लाख 58 हजार रुपए के सृजन महा घोटाले के मामले में सीबीआई अब तक 10 गैर सरकारी लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर कर चुकी है.  इस मामले में किंगपिन के तौर पर माने जाने वाले स्वर्गीय मनोरमा देवी के बेटे अमित और बहू रजनी प्रिया अब तक फरार हैं. इनके खिलाफ कुर्की का वारंट भी सीबीआई ले चुकी है.  साल 2015 से 16 के बीच बैंकों की मिलीभगत से सरकारी रुपए का बंदरबांट सृजन की तरफ से किया गया था.