ARA : कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए पीएम मोदी ने पूरे भारत में लॉक डाउन का एलान कर दिया है. पटना में राज्य सरकार के बड़े अफसर कोरोना से लोगों को बचाने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं. भोजपुर में सोशल डिस्टेंस बनाने के लिए अब प्रशासन ने सख्ती कर दी है. लेकिन कुछ लोग इसे मजाक समझ रहे हैं. एक मुखिया की बैठक की तस्वीर सामने आई है, जो कि सोशल डिस्टेंस को लेकर कई सारे सवाल खड़ा कर रही है. एक छोटे से कमरे में मुखिया ने तक़रीबन 30 लोगों के साथ बैठक की. जिसकी तस्वीर सामने आने के बाद काफी आलोचना हो रही है.
मामला भोजपुर जिले के कोइलवर थाना इलाके की है. जहां चन्दा पंचायत के मुखिया अखिलेश कुमार ने एक छोटे से कमरे में लगभग 30 लोगों के साथ किया. इस बैठक में तकरीबन 14 वार्ड सदस्य, कुछ पंचायत सदस्य, आंगनबाड़ी सेविका, आशा कार्यकर्ता, लगभग 6 विकास मित्र और कुछ अन्य लोग शामिल हुए. बैठक की तस्वीर भी सामने आई है. जिसमें साफ़ तौर पर देखा जा रहा है कि एक कमरे में एक-एक बेंच पर 3-3 या 4-4 लोगों को बैठाया गया है.
दरअसल बैठक की ये तस्वीर पुरानाहरिपुर मध्य विद्यालय की है. जहां चन्दा पंचायत के पैक्स अध्यक्ष, उप मुखिया, सरपंच, उप सरपंच, वार्ड सदस्य, पंचायत सदस्य, आंगनबाड़ी सेविका, आशा कार्यकर्ता और विकास मित्रों ने बैठक किया. इस बैठक में कोरोना वायरस से बचावको लेकर चर्चा हुई. लेकिन खुद इनलोगों ने सरकार की गाइडलाइन का ख्याल नहीं रखा. इनलोगों ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की अपील का ध्यान नहीं रखा. इस बैठक में घर-घर जाकर कोरोना से बचाव को लेकर जागरूकता फैलाने की जानकारी तो दी गई लेकिन खुद इस महामारी से मचने के लिए नहीं सोचा गया. इस बैठक में मुखिया ने सबसे खास बात यह बताया कि इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है. लोगों को जागरूक कर ही बचाया जा सकता है. ऐसे में बैठक की तस्वीर सामने आने के बाद यह सवाल उठता है कि इतनी लापरवाही आखिर कैसे हो सकती है.