ARA : बिहार में बढ़ते हुए अपराध और पुलिस की कार्यशैली से केवल आम लोग ही नहीं बल्कि सत्ताधारी दल से जुड़े नेता भी परेशान हैं. युवा जेडीयू के राष्ट्रीय सचिव प्रिंस बजरंगी और उनके साथी के ऊपर 4 महीने पहले हमला हुआ था. चार गोली लगने के बावजूद प्रिंस बजरंगी की किस्मत अच्छी रही कि वह बच गए. शरीर के अंदर अभी भी दो बुलेट फंसी हुई है, लेकिन पुलिस चार महीने बाद भी इस मामले के मुख्य आरोपी दीपक पांडे को गिरफ्तार नहीं कर पाई.
एसपी से लगाई गुहार
सबको पता है कि बिहार में जनता दल यूनाइटेड की सरकार है लेकिन उसके बावजूद जेडीयू नेता के ऊपर हमले के मामले में पुलिस अब तक के मुख्य आरोपी को पकड़ नहीं पाई है. इस वारदात के बाद प्रिंस बजरंगी को सुरक्षा मुहैया कराई गई थी. लेकिन अचानक से उनकी सुरक्षा भी हटा ली गई. युवा जेडीयू नेता को अब समझ में नहीं आ रहा कि वह क्या करें. उन्होंने खुद भोजपुर के पुलिस अधीक्षक से कई बार इस मामले में गुहार लगाई. सुरक्षा के लिए आवेदन किया, लेकिन महीने बाद अब तक उन्हें सुरक्षा गार्ड मुहैया नहीं हो सका है. वह खौफ में हैं. उनका कहना है कि जब उनके खिलाफ घटना को अंजाम देने वाला मुख्य आरोपी पुलिस की पकड़ से बाहर है तो ऐसे में उनकी जान कैसे सुरक्षित हो सकती है.
सरकार पर सवाल
जेडीयू नेता का कहना है कि बिहार में सुशासन की सरकार है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार क्राइम कंट्रोल के लिए हर दिन पुलिस अधिकारियों को टास्क दे रहे हैं, लेकिन उसके बावजूद पुलिस की कार्यशैली बेहद खराब है. प्रिंस बजरंगी ने आरोप लगाया है कि प्रशासन उनके साथ सौतेला बर्ताव कर रहा है. फोन करने पर एसपी फोन नहीं उठाते और ना ही एसएमएस का जवाब देते हैं. बजरंगी ने कहा कि उनके खिलाफ कुछ मामले दर्ज कराए गए हैं. जो बेबुनियाद है. लेकिन सबसे ज्यादा खौफ उन्हें इस बात का है कि कहीं सुरक्षा के अभाव में उनकी हत्या ना हो जाए.