अपने ही सरकार के अधिकारी की शिकायत लेकर राजभवन पहुंचे महागठबंधन के एमएलसी, राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन, केके पाठक को हटाने की मांग

अपने ही सरकार के अधिकारी की शिकायत लेकर राजभवन पहुंचे महागठबंधन के एमएलसी, राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन, केके पाठक को हटाने की मांग

PATNA: एक ओर जहां जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मुंगेर सांसद ललन सिंह अपने क्षेत्र की समस्या के लिए अपनी ही सरकार के मंत्री संजय झा को पत्र लिख रहे हैं और समस्या का समाधान करने की बात कर रहे हैं वही अब महागठबंधन के तमाम एमएलसी अपने ही सरकार के अधिकारी की शिकायत लेकर राजभवन पहुंच गये। महागठबंधन के तमाम एमएमसी के साथ-साथ बीजेपी एमएलसी संजय पासवान भी शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की शिकायत को लेकर राजभवन पहुंच गये और राज्यपाल से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। सभी विधान पार्षदों ने अविलंब केके पाठक को हटाने की मांग की है।  


तमाम एमएलसी का कहना है कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की तानाशाही अब नहीं चलेगी। ये तानाशाह प्रवृति के अधिकारी हैं। शिक्षा विभाग में आपातकाल की स्थिति ला दिये हैं। ऐसे अधिकारी को अविलंब हटाया जाना चाहिए। देश नियम और अधिनियम से चलता है ना कि किसी के तुगलकी फरमान से चलता है। अपने ही सरकार के अधिकारी की कार्यशैली से महागठबंधन के तमाम एमएलसी परेशान हैं। उनका कहना है कि केके पाठक आए दिन नया नया तुगलगी फरमान जारी करते हैं जिससे परेशानी घटनी नहीं बल्कि बढ़ जाती है। 


विधान पार्षदों में सीपीआई से प्रो. संजय कुमार सिंह, जेडीयू से संजीव कुमार सिंह, कांग्रेस से मदन मोहन झा, निर्दलीय महेश्वर सिंह, जेडीयू वीरेंद्र नारायण यादव, भाजपा से सर्वश कुमार सिंह, राजद से अजय कुमार सिंह, कांग्रेस से समीर कुमार सिंह, राजद से कुमार नागेंद्र, भाजपा से संजय पासवान, जन सुराज से सचिदानंद राय, राजद से रामबलि सिंह, कांग्रेस से प्रेमचंद मिश्रा, जन सुराज से अफाक अहमद और जेडीयू से रेखा कुमारी राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर से मिलने राजभवन पहुंचे।


विधान पार्षदों ने केके पाठक की शिकायत राज्यपाल से की। नियम के विरुद्ध काम करने का आरोप लगाया। इनका कहना था कि केके  पाठक तुगलकी फरमान जारी करते रहते हैं। केके पाठक ने सीपीआई के एमएलसी संजय सिंह का पेंशन भी रोक दिया था। संजय सिंह ने कहा कि ऐसे अधिकारी पर अविलंब कार्रवाई की जाए। यही नहीं सरकार के ऐसे तमाम अधिकारियों पर भी कार्रवाई हो जो तुगलकी फरमान जारी करते हैं।