अपने ही चाचा की दुल्हन बनी भतीजी, परिवार और समाज के खिलाफ मंदिर में रचाई शादी

अपने ही चाचा की दुल्हन बनी भतीजी, परिवार और समाज के खिलाफ मंदिर में रचाई शादी

 DESK: कहते है कि प्यार अंधा और बहरा दोनों होता है। जब किसी को किसी से प्यार हो जाता है तो उसे ना तो कुछ दिखाई देता है और ना ही सुनाई। वो तो बस अपनी जिद पर अड़ा रहता है। कभी-कभी तो लोग रिश्तों को ही भूल जाते हैं उसे तार-तार कर देते हैं। अब जरा इस मामले को ही ले लीजिये जहां चाचा को भतीजी से प्यार हो गया। दोनों एक दूसरे से बेइंतहा मोहब्बत करने लगे बात इतनी बढ़ गयी कि शादी तक पहुंच गयी। दोनों चाचा भतीजी ने शादी भी रचा ली। जिसे लोग गलत मान रहे हैं। इलाके के लोगों का कहना है कि हिन्दू धर्म में भतीजी, बेटी के समान होती है। उसके बारे में ऐसा सोचना भी पाप होता है शादी करना तो बड़ी दूर की बात है।


आज के इस बदलते परिवेश में रिश्तो के मायने खत्म होते जा रहे हैं। रिश्तो की मर्यादाएं ताक पर रखा जा रहा है। ऐसे में किस पर भरोसा किया जाए कुछ समझ में नहीं आता। आज हालत यह है कि नजदीकी रिश्ते में भी शादी हो रही हैं। उसमें भी हद तब हो जाती है जब चाचा और भतीजी जैसे रिश्तों में विवाह हो जाए। मामला उत्तर प्रदेश के जौनपुर स्थित मड़ियाहूं कोतवाली थाना क्षेत्र का है। जहां रिश्तों को बदनाम करने का मामला सामने आया है। 


जहां एक चाचा को अपनी ही सगी भतीजी से प्यार को हो गया। तीन साल तक दोनों के बीच प्रेम-प्रसंग चलता रहा। एक दिन दोनों ने इस बात की जानकारी अपने-अपने परिवार के सदस्यों को दी। दोनों की बातें सुन परिवार के लोग हैरान हो गये। परिजनों ने शादी से इनकार कर दिया लेकिन ये दोनों शादी की जिद पर अड़ गये और आखिरकार दोनों ने मंदिर में जाकर शादी रचा ही ली। दोनों की जिद के आगे परिवार वाले मुकदर्शक बने रहे। 


दोनों परिवारों की उपस्थिति में चाचा शुभम और भतीजी रिया की शादी मंदिर में कराई गई। लोग इस शादी को हिन्दू धर्म के खिलाफ बता रहे हैं। पूरे इलाके में इस शादी की चर्चा हो रही है। ज्यादातर लोग इस शादी को गलत बता रहे हैं। लोगों का कहना है कि भतीजी को बेटी के रूप में माना जाता है और यदि कोई बेटी समान भतीजी से शादी करे तो इससे बड़ा घोर कलयुग कुछ नहीं हो सकता है। इस तरह की शादी को बढ़ावा नहीं देना चाहिए। इस तरह की शादी हिन्दू धर्म के खिलाफ है। इससे समाज में गलत प्रभाव पड़ेगा।