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1st Bihar Published by: Tahsin Ali Updated Mon, 21 Aug 2023 05:50:07 PM IST
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PURNEA: बिहार के पूर्णिया जिले से एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। जहां भवानीपुर के नवगछिया टोला के रहने वाले विनोद मंडल की बेटी 17 वर्षीय अंशू 3 जून 2023 को अचानक लापता हो गयी। परिजनों ने उसकी काफी खोजबीन की लेकिन उसका कोई अता-पता नहीं चल सका। लड़की के लापता होने की सूचना परिजनों ने पुलिस को भी नहीं दी थी। लेकिन तभी 16 अगस्त को नहर से एक लाश बरामद की गयी। जिसकी पहचान परिजनों ने अंशू के रूप में की और शव का अंतिम संस्कार भी कर दिया गया।
लेकिन तभी अगले दिन 17 अगस्त की सुबह पिता विनोद मंडल के मोबाइल पर एक कॉल आया जिसके बाद परिजन हैरान रह गये। फोन लापता लड़की अंशू का था। विनोद मंडल ने जब फोन उठाया तो बिटिया की आवाज आई। वो कहने लगी की पापा मैं अंशू बोल रही हूं। मैं मरी नहीं हूं बल्कि जिंदा हूं। आपने जिस शव को दाह संस्कार किया वो मेरी नहीं थी। यह सुनकर विनोद मंडल हैरान रह गये उन्हें अब भी इस बात पर विश्वास नहीं हो रहा था। पिता को विश्वास दिलाने के लिए अंशू ने वीडियो कॉल किया। बताया कि भवानीपुर निवासी 24 वर्षीय विरांजन से उसने प्रेम विवाह कर लिया है। अभी दोनों रुपौली में एक किराये के घर में रहते हैं।
अंशू ने अपने पिता विनोद मंडल को पूरी बात बतायी। कहा कि 24 मई को उसके मोबाइल पर रॉन्ग नंबर से कॉल आया था। विरांजन नामक युवक ने उसे फोन किया था जिसे वो जानती तक नहीं थी। फिर दोनों के बीच बातचीत शुरू हो गयी। बातचीत कब दोस्ती कब प्यार में बदल गयी। यह पता नहीं चला। दो सप्ताह से दोनों के बीच अक्सर घंटों बातचीत होती रही। जिसके बाद हम दोनों ने घर से भागकर शादी करने का मन बना लिया। फिर 3 जून को वह घर छोड़कर अपने प्रेमी के पास चली गयी। जहां 5 जून को दोनों ने मंदिर में जाकर शादी रचा ली।
अंशू ने कहा कि जब पता चला कि आप लोगों ने मेरा दाह संस्कार 16 अगस्त को कर दिया है तब हमसे रहा नहीं गया। मुझे लग रहा था कि आप लोग कितने चिंतित होंगे। बेटी की मौत से पूरा परिवार सदमें में होगा। इसलिए आज हमने आपको फोन कर पूरी सच्चाई बताने का फैसला लिया है। इतना सुनते ही पिता की आंखे नम हो गयी। अंशू की बातें सुनकर परिजन भी हैरान थे। हैरानी इसलिए थी कि जब अंशू जिंदा तो उन्होंने किस लड़की का दाह संस्कार कर दिया।
वही पुलिस को जब इस बात की जानकारी मिली तो पैरों तले जमीन खिसक गयी। अकबरपुर थानाध्यक्ष ने बताया कि यह चूक कैसे हुई इसकी जांच की जा रही है। बहियार नहर से बरामद लाश यदि अंशू का नहीं था तो फिर किसका था? जबकि लापता लड़की के परिजनों ने शव की पहचान अंशू के रूप में की थी। जिसके बाद दाह संस्कार भी कर दिया गया। लेकिन अब सवाल यह उठता है कि जब अंशू जिंदा है तो वो लाश किसकी थी? फिलहाल पुलिस पूरे मामले की छानबीन में जुटी है। इसे लेकर इलाके के लोग भी हैरान हैं। पूरे इलाके में इसी की चर्चा हो रही है।