DELHI: गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी. कृष्णैया हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट चुके पूर्व सांसद आनंद मोहन को एक दूसरे मामले में बड़ी राहत मिली है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने राजस्थान के एक शख्स से मारपीट करने के आरोपों से बरी कर दिया है।
दरअसल, साल 2007 में दिल्ली के चाणक्यपुरी इलाके में राजस्थान गेस्ट हाउस में राजस्थान के शख्स से मारपीट करने का आरोप पूर्व सांसद आनंद मोहन पर लगा था। पीड़ित युवक राजेन्द्र सिंह ने आनंद मोहन और अन्य लोगों के खिलाफ मारपीट और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाते हुए चाणक्यपुरी थाने में मामला दर्ज कराया था।
केस के ट्रायल के दौरान शिकायतकर्ता राजेन्द्र सिंह की मौत हो गई। केस की सुनवाई के दौरान राजेन्द्र सिंह के पिता अदालत में अपने बयान से पलट गए। सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष की तरफ से दलील दी घई कि पुलिस के पास न तो कोई ठोस सबूत है और ना ही कोई गवाह है। उन्हें फंसाने के उद्देश्य से उनके ऊपर झूठे आरोप लगाए गए हैं।
दोनों पक्ष की दलिलों को सुनने के बाद राउज एवेन्यू कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में पूर्व सांसद को बरी कर दिया। सुनवाई के दौरान खुद आनंद मोहन कोर्ट में मौजूद रहे। बता दें कि पूर्व सांसद आनंद मोहन और उनकी पत्नी लवली आनंद को जी.कृष्णैया हत्याकांड का आरोपी बनाया गया था। कोर्ट ने आनंद मोहन को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई थी लेकिन बाद में फांसी की सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया गया था।
लोकसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार ने राजपूत कार्ड खेला और कानून में बदलाव कर जेल में बंद आनंद मोहन को रिहा करा दिया। जेल से रिहाई के बाद आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद को नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने शिवहर से लोकसभा का उम्मीदवार बनाया। पत्नी को जीत दिलाने के लिए आनंद मोहन ने फिल्डिंग की और आखिरकार लवली आनंद चुनाव जीत गईं।