मौसी की बेटी से एकतरफा प्यार करने वाले सनकी ने बीच सड़क पर मचाया तांडव, विरोध करने पर चलाई बहन के ऊपर गोली हाजीपुर में बोले विजय सिन्हा..जिस दिन तेजस्वी अपने पिता लालू की राह को छोड़ देगा, उसी दिन देश से आतंकवाद का सफाया हो जाएगा Bihar Crime News: अंशु हत्याकांड का खुलासा, दोस्त ही निकला कातिल CISCE ISC ICSE Board Result 2025: 10वीं-12वीं का रिजल्ट कल होगा जारी, इस तरह से करें चेक Mob Lynching: “पाकिस्तान जिंदाबाद” बोलने पर युवक की हत्या, 15 गिरफ्तार घरेलू विवाद ने लिया खौफनाक मोड़: पति ने पत्नी का सिर मुंडवाया, गाली-गलौज और धमकी के बाद FIR दर्ज Bihar News: बिहार के इस जिले में खुदाई के दौरान मिली अष्टधातु की बेशकीमती मूर्ति, दर्शन के लिए जमा हुई लोगों की भीड़ चारधाम यात्रा 2025: पहलगाम हमले के बाद उत्तराखंड में सुरक्षा के कड़े प्रबंध, 6000 पुलिसकर्मी और अर्धसैनिक बल की तैनाती राज्य में ‘स्वच्छ बिहार’ पोर्टल लॉन्च, स्वच्छता और पारदर्शिता की दिशा में एक बड़ा कदम Czech Princess's Lost Ring: राजकुमारी की 22 लाख की अंगूठी खोई तो 2 दिन में ढूंढ कर निकाला, ठुकराए इनाम के 5 लाख रुपए
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 03 Mar 2024 10:21:32 PM IST
- फ़ोटो
DESK: गोपालगंज के तत्कालीन DM जी. कृष्णैया की हत्या मामले में पूर्व सांसद आनंद मोहन को सजा में दी गई छूट को चुनौती देने वाली याचिका पर कल सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। दिवंगत अधिकारी की पत्नी उमा कृष्णैया की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति के. वी. विश्वनाथन की पीठ कल सुनवाई करेगी।
गौरतलब है कि 1994 में तेलंगाना निवासी गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी जी.कृष्णैया की भीड़ ने पीटकर हत्या कर दी थी। यह घटना उस वक्त हुई जब उनकी गाड़ी मुजफ्फरपुर में गैंगस्टर छोटन शुक्ला की शव यात्रा से आगे निकलने की कोशिश की थी। आनंद मोहन उस समय विधायक थे और छोटन शुक्ला की शव यात्रा का नेतृत्व कर रहे थे।
आनंद मोहन पर भीड़ को गोपालगंज डीएम जी. कृष्णैया की हत्या के लिए उकसाने का आरोप था। आनंद मोहन इस मामले में उम्र कैद की सजा काट रहे थे। 14 साल से अधिक समय तक जेल में रहने के बाद उन्हें पिछले साल सहरसा जेल से रिहा किया गया था। बिहार के गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी जी कृष्णैया की साल 1994 में हत्या कर दी गई थी। इसका आरोप बाहुबली नेता आनंद मोहन पर लगा था। जब ये मामला कोर्ट पहुंचा तो अदालत ने आनंद मोहन को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई थी। बाद में पटना हाईकोर्ट ने इस फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया।
उधर, साल 2023 के अप्रैल महीने में बिहार सरकार ने आनंद मोहन को रिहा करने का फैसला किया। सरकार ने 14 साल जेल में बिताने को आधार मानकर आनंद मोहन को रिहा कर दिया था. जिसका दिवंगत आईपीएस जी कृष्णैया के परिवार ने विरोध किया। गोपालगंज के तत्कालीन DM जी. कृष्णैया की हत्या मामले में पूर्व सांसद आनंद मोहन को सजा में दी गई छूट को चुनौती देने वाली याचिका पर कल सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी।