SAHARSA: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जिस दौर में लालू यादव की पार्टी में थे, तब उन्होंने लालू यादव की बात नहीं मानकर आनंद मोहन का समर्थन किया था. नीतीश कुमार ने आज ये खुद बता दिया. नीतीश ने कहा- पार्टी ने कहा था कि आनंद मोहन का विरोध करो, लेकिन हम चुपचाप निकल कर चले गये. बिहार के मुख्यमंत्री ने आज खुले मंच पर आनंद मोहन को कहा-हम आपके समर्थक हैं, आप जो काम लेकर आइयेगा, वह हम करेंगे.
आनंद मोहन के गांव पहुंचे नीतीश
डीएम जी. कृष्णैया हत्याकांड में सजा से रिहा होने वाले आनंद मोहन ने अपने गांव सहरसा के पंचगछिया में अपने दादा और चाचा की प्रतिमा लगवायी है. आनंद मोहन ने प्रतिमा का अनावरण करने के लिए नीतीश कुमार को न्योता दिया था. नीतीश कुमार अपनी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह को साथ लेकर आज आनंद मोहन के गांव पंचगछिया पहुंचे. उन्होंने कहा कि वे न सिर्फ प्रतिमा का उद्घाटन करने आये हैं बल्कि आनंद मोहन की मां से आशीर्वाद लेने और उनके परिवार का दर्शन करने आये हैं.
नतमस्तक नीतीश
पंचगछिया में आनंद मोहन के दादा और चाचा की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद नीतीश कुमार ने सभा को संबोधित किया. नीतीश कुमार ने अपने भाषण में कम से कम आधा दर्जन बार दुहराया कि आनंद मोहन से उनका जो रिश्ता है, वह कभी समाप्त होने वाला नहीं है. बिहार के मुख्यमंत्री ने मंच से आनंद मोहन को कहा-“आपको जो भी राजनीति करना है वह करियेगा लेकिन हमरा तो रिश्ता दूसरा है न जी. इसलिए हम अपना रिश्ता बना कर रखेंगे, आपको जो मन में आये करिये. आज आप हमको बुलाये तो बड़ी खुशी की बात हुई न जी. इसलिए कोई आपको दिक्कत नहीं होनी चाहिये. हमलोग तो आपका समर्थक हैं ही.”
लालू यादव की बात नहीं मानकर आपकी मदद की थी
आनंद मोहन के गांव में नीतीश कुमार ने 29 साल पुरानी कहानी सुनायी. वाकया 1994 का है, जब नीतीश कुमार लालू प्रसाद यादव की पार्टी में थे. नीतीश कुमार ने कहा-1994 में आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद वैशाली लोकसभा से चुनाव लड़ी थीं. हम लोग जिस पार्टी में थे, उसने मुझे वहां जाने को कहा लेकिन हम चुपचाप निकल गये. हमलोग लवली आनंद का समर्थन कर रहे थे और वह चुनाव जीत गयीं. बता दें कि 1994 में वैशाली लोकसभा क्षेत्र में उपचुनाव हुआ था, जिसमें लवली आनंद ने लालू यादव की पार्टी की उम्मीदवार किशोरी सिन्हा को पराजित किया था. नीतीश कुमार ने आज बताया कि वह लालू यादव के साथ रहकर भी आनंद मोहन की मदद कर रहे थे.
ये जेल में थे तो हमको खराब लगता था
नीतीश कुमार ने सहरसा के मंच से ये भी बताया कि उस वक्त की लालू यादव की सरकार ने आनंद मोहन पर केस दर्ज किया था तो वे उनका समर्थन करने गये थे. बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा- ई जब जेल में रहे तो हमलोगों को शुरू से खराब लगता था. हमलोग तो शुरू से कहते थे. जो भी संभव था....अब इनको मुक्ति मिल गयी. हमको खुशी है इसकी. बाकी तो राजनीति जो करना हैं करें, हमको क्या लेना देना है इससे.
इनके घर पर दर्शन करके जायेंगे
जनसभा को संबोधित कर रहे बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा-“हम तो इनके घरबा पर जइबे करेंगे. सब लोगों का दर्शन करके हम जायेंगे.” नीतीश कुमार ने लोगों से कहा- “आप तो जानते ही हैं, इनकी माताजी जो हैं, गीता देवी जी. कितना बार हम उनसे मिले हैं, आशीर्वाद लिये हैं. हम यहां आते रहते हैं. आज इनके घरबा त जइबे न करेंगे जी.”
बता दें कि आनंद मोहन ने अपने गांव में दादा स्व. राम बहादुर सिंह और चाचा स्व. पद्मानंद सिंह ब्रह्मचारी की प्रतिमा लगवायी है. आनंद मोहन का दावा है कि उनके दादा स्व. रामबहादुर सिंह कोसी के गांधी थे. उनके चाचा स्व. पद्मानंद सिंह भी स्वतंत्रता सेनानी थे.