1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 19 May 2023 08:13:08 AM IST
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DELHI : पूर्व सांसद और बाहुबली नेता आनंद मोहन फिर जेल जाएंगे या बिहार सरकार के तरफ से दी गयी रिहाई बरकार रहेगी इस मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। इसके रिहाई के खिलाफ गोपालगंज के तत्कालिक डीएम जी कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी अब इसी याचिका पर आज सुनवाई होनी है। इस मामले की सुनवाई जस्टिस जेएस पारदीवाला और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच करेगी। वहीं, दूसरी तरफ पूर्व सांसद ने सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखने के लिए सीनियर एडवोकेट एपी सिंह को हायर किया है।
दरअसल, गोपालगंज के डीएम रहे जी कृष्णैया की पत्नी उमा देवी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। उन्होंने नीतीश सरकार द्वारा जारी हुए आनंद मोहन की रिहाई के फैसले को रद्द करके, उन्हें फिर से जेल भेजने की मांग की है। आनंद मोहन को जी कृष्णैया की हत्या के मामले में पहले फांसी उसके बाद आजीवन कारावास की सजा सुनाई गयी थी। अब हाल ही में नीतीश सरकार ने जेल नियमावली में बदलाव किया था, जिसके बाद आनंद जेल से बाहर आए थे।
मालूम हो कि, इससे पहले गोपलगंज के तत्कालिक डीएम जी कृष्णैया की पत्नी उमा देवी की याचिका पर 8 मई को पहली सुनवाई हुई थी। सुप्रीम कोर्ट ने नीतीश सरकार और अन्य को नोटिस भेजकर इस मामले पर जवाब मांगा था। जिसके बाद अब शुक्रवार को इस मामले पर आगे की सुनवाई की जाएगी। आनंद मोहन ने सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष लड़ने के लिए एपी सिंह को वकील नियुक्त किया है। वह शीर्ष अदालत में यूट्यूबर मनीष कश्यप का केस भी लड़ रहे हैं।
बताया जा रहा है कि, आज सुप्रीम कोर्ट में बिहार सरकार के तरफ से जवाब दाखिल किया जाएगा या फिर काउंटर एफिडेविट फाइल करने के लिए समय की मांग कोर्ट से होगा। IAS अधिकारी और गोपालगंज के DM जी कृष्णैया की हत्या मामले में आनंद मोहन करीब 16 साल तक जेल में बंद थे। नीतीश सरकार ने कानून में बदलाव कर आनंद मोहन समेत 26 कैदियों को रिहा किया था।
आपको बताते चलें कि, आईएएस अधिकारी जी कृष्णैया 1994 में जब गोपालगंज के डीएम थे, तब उनकी मुजफ्फरपुर जिले में भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। आनंद मोहन और उनके समर्थकों पर हत्या का आरोप लगा था। इस केस में अदालत ने आनंद को फांसी की सजा सुनाई थी। हालांकि, 2008 में पटना हाईकोर्ट ने उनकी सजा को फांसी से उम्रकैद में बदल दिया था।