PATNA : अमिति शाह की डिजिटल रैली को लेकर भारतीय जनता पार्टी की ओर से तमाम बड़ी तैयारियां की गई थीं. हालांकि जमीनी स्तर पर इस वर्चुअल रैली को लेकर विपक्ष की ओर से अब हमला किया जा रहा है. दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी आज ट्विटर पर कमजोर पड़ गई, जहां महज 1 हजार लोगों ने भी गृह मंत्री अमित शाह की रैली को लाइव सुनना पसंद नहीं किया. बिहार बीजेपी ने भी आंकड़ा पेश किया. जिसमें 14 लाख से अधिक लोगों द्वारा देखे जाने का दावा किया गया. फर्स्ट बिहार झारखंड की टीम ने भी लगातार इस रैली के आंकड़े जुटाए, जिसमें यह बात निकल कर सामने आई कि तमाम कोशिशों के बावजूद भी ट्विटर पर शाह की रैली लाइव सुनने के मामले में टारगेट से पीछे रही.
बीजेपी ने झोंकी ताकत
बिहार में बीजेपी के चुनावी अभियान की शुरूआत वर्चुअल रैली से हुई. गृह मंत्री अमित शाह की डिजिटल या वर्चुअल रैली को रीयल रैली टाइप बनाने की सारी तैयारी की गई, बावजूद इसके उनके नेता या कार्यकर्ता इसे ट्विटर पर सफल बनाने में पीछे रह गए. बीजेपी ने इस रैली के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी. जिससे लोगों को असली रैली की फीलिंग हो. इसके लिए मंच से लेकर बाकी तमाम व्यवस्था की गई. मंच पर सारे बड़े नेता दिखे लेकिन मोबाइल, एंड्रॉएड टीवी या अन्य किसी प्लेटफार्म पर दर्शक नहीं दिखें. ट्विटर पर बीजेपी के लाखों यूजर्स होने के बावजूद भी उतने ट्वीट या रीट्वीट नहीं मिले. लाइक्स भी बहुत कम हुए.
सोशल मीडिया पर लाइव सिर्फ 40 हजार लोगों सुने
अमित शाह की रैली शुरू होते ही उम्मीद थी कि भरे संख्या मेंलोग जुड़ेंगे. लेकिन आकंड़े कुछ और ही बयां कर रहे थे. जब शाह ने बोलना शुरू किया तब ट्विटर पर लाइव साढ़े 5 सौ से अधिक लोग थे. कुछ देर बाद यहां लगभग 700 लोग जुटे और भाषण खत्म होने तक 300 से भी कम लोग देख रहे थे. फेसबुक पर जब शाह ने बोलना शुरू किया तब लाइव 23 हजार लोग थे. भाषण के दौरान यह आंकड़ा गिरकर 19 हजार पर आ गया और खत्म होने-होने तक यहां सिर्फ 15 हजार लोग ही बचे. बीजेपी की ऑफिशियल यूट्यूब चैनल पर जब शाह का भाषण शुरू हुआ तब यहां लाइव 16 हजार लोग थे. भाषण के दौरान बीच में यह आंकड़ा औसतन 15 हजार बना रहा लेकिन कार्यक्रम के समापन तक यहां भी 14 हजार लोग देखना पसंद किये. यानी कि एक औसत देखा जाये तो 40 हजार या उससे भी कम लोगों ने अमित शाह को लाइव सुनना पसंद किया.
बीजेपी का टारगेट पीछे
गृह मंत्री अमित शाह की रैली बहुत ख़ास मानी जा रही थी. इस डिजिटल रैली से जोड़ने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने 12 लाख लोगों को जोड़ने का टारगेट रखा था. बीजेपी ने बिहार के सभी 72 हजार बूथों पर एलईडी स्क्रीन लगवायें थे. उन स्क्रीनों पर अमित शाह की रैली का प्रसारण हो रहा था. दिल्ली के मंच पर बिहार से जुड़े केंद्रीय मंत्री के अलावा शाहनवाज हुसैन और राजीव प्रताप रूडी भी मौजूद थे. बीजेपी के पटना दफ्तर में बने मंच पर डिप्टी सीएम सुशील मोदी समेत प्रदेश के तमाम बड़े नेता और मंत्री थे. सोशल मीडिया पर जितने लोगों ने देखा अगर मान लिया जाये कि इससे 10 गुना ज्यादा लोगों ने एलईडी स्क्रीन पर देखा होगा. फिर भी यह आंकड़ा बीजेपी के टारगेट से कोसों दूर रहा.
भाजपा का दावा
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी डॉ संजय मयूख का बयान ने दावा किया कि गृह मंत्री अमित शाह बिहार जन-संवाद' अभियान के तहत भारतीय राजनीति के इतिहास की प्रथम वर्चुअल रैली को सोशल मीडिया पर रिकॉर्ड रिस्पांस मिला है. कार्यक्रम की समाप्ति तक फेसबुक पर जहां वर्चुअल रैली को 14 लाख से अधिक व्यूज मिले वहीं यूट्यूब पर इसे 1.40 लाख से ज्यादा व्यूज मिले. ट्विटर पर इसे 66 हजार से अधिक व्यूज मिले. #BiharJanSanvaad ट्विटर पर लगातार ट्रेंड करता रहा और इस हैशटैग के साथ 40 हजार से ज्यादा ट्वीट किया गया.