‘अमित कात्याल की गिरफ्तारी से लालू परिवार पर ED का शिकंजा कसा’ सुशील मोदी बोले- क्या नीतीश तेजस्वी से जवाब मांगेंगे?

‘अमित कात्याल की गिरफ्तारी से लालू परिवार पर ED का शिकंजा कसा’ सुशील मोदी बोले- क्या नीतीश तेजस्वी से जवाब मांगेंगे?

PATNA: रेलवे में नौकरी देने के बदले जमीन रजिस्ट्री कराने के मामले में ईडी ने पिछले दिनों उस अमित कात्याल को अरेस्ट किया था जिसने अपनी पूरी कंपनी राबड़ी देवी और तेजस्वी के नाम कर दी थी। इसको लेकर बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी का रिएक्शन आया है। सुशील मोदी ने कहा है कि रेलवे की नौकरी के बदले जमीन लिखवाने के मामले में एके इन्फोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के मालिक अमित कात्याल की गिरफ्तारी के बाद तेजस्वी यादव और उनके परिवार पर कानून का शिकंजा कसता जा रहा है। 


सुशील मोदी ने कहा है कि भ्रष्टाचार से समझौता कर नीतीश कुमार अपने डिप्टी सीएम को कब तक बचा पाएंगे? ये वही अमित कात्याल (एके) हैं जिन्होंने राबड़ी देवी की सरकार के समय बिहटा में शराब की फैक्ट्री लगायी थी और बदले में अपनी कंपनी एके इन्फोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के सारे सारे शेयर मात्र 1 लाख रुपये में तेजस्वी यादव और राबड़ी देवी को बेच दिये थे।


उन्होंने कहा कि कंपनी के डायरेक्टर बनने के साथ ही तेजस्वी यादव इसके दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी स्थित 150 करोड़ के मकान (डी-1088) के मालिक बन गए। वे दिल्ली जाने पर इसी बंगले का उपयोग करते हैं। उन्होंने कहा कि यही अमित कात्याल हैं, जिन्होंने 2010 में तेजस्वी यादव को 9.5 लाख की गाड़ी भेंट की थी। कात्याल ने तेजस्वी यादव को 30 लाख और तेज प्रताप यादव को 55 लाख रुपये कर्ज भी दिये, जिसे बाद में माफ (राइट आफ) कर दिया गया। लालू-तेजस्वी परिवार पर फिदा अमित कात्याल के दिल्ली-पटना के परिसरों पर ईडी ने मार्च 2023 में छापा मारा था, जिससे अवैध लेन-देन और धन-शोधन संबंधी प्रमाण मिले थे।


सुशील मोदी ने कहा कि यूपीए-1 के दौरान लालू प्रसाद रेल मंत्री थे। उस समय रेलवे में बिहार के जिन लोगों को ग्रुप-डी की नौकरी मिली, उन्होंने अपनी-अपनी जमीनें एके इन्फोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम ट्रांसफर कर दीं, जिसके मालिक तेजस्वी यादव और राबड़ी देवी हैं। उन्होंने कहा कि बंद पड़ी एके इन्फोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड ने पटना-दानापुर सर्किल में 21 भूखंड (221 डिस्मल ) 2 .16 करोड़ रुपये में खरीदे। इसके लिए पैसे कात्याल ने दिये, मालिक बने तेजस्वी यादव। सत्ता के दुरुपयोग और आर्थिक भ्रष्टाचार के इतने गंभीर मामले में जब केंद्रीय जांच एजेंसियाँ कार्रवाई कर रही हैं, तब नीतीश कुमार को तेजस्वी यादव से बिंदुवार जवाब मांगना चाहिए।