PATNA : बिहार में विवादित बयान को लेकर लगातार हंगामा जारी है। एक तरफ विपक्ष इसे गलत बताकर माफ़ी मांगने की बात कर रहे हैं। जबकि बयान देने वाले नेता का कहना है कि, उन्होंने कुछ गलत बयानबाजी नहीं किया है। इसके बाद अब एक और बिहार सरकार के मंत्री द्वारा सवर्णों को लेकर गलत बयानबाजी किया गया है। जिसके बाद अब उनके साथ सत्ता में बैठे हुए लोग ही सवाल उठाना शुरू कर दिया है। इतना ही नहीं अब इनसे इस्तीफे की मांग की जा रही है। यह मांग जेडीयू के तरफ से की जा रही है।
दरअसल, बिहार सरकार के मंत्री आलोक मेहता ने कहा था कि, आज जो 10% वाले लोग हैं जो पहले अग्रेजों के गुलाम थे और अंग्रेजों की दलाली करते थे। इतना ही इनलोगों का नाम सिर्फ और सिर्फ मंदिर में घंटी बजाना भर था। जिसके बाद इसको लेकर बिहार की राजनीती में जमकर बबाल मच गया। जहां विपक्षी दल के नेता इसे गलत बताकर उनसे माफ़ी मांगने की मांग उठाने लगे तो वहीं खुद उन्हीं के सरकार में सहयोगी पार्टी जेडीयू के नेता भी इसे गलत बताकर इस तरह की बयानबाजी न करने और माफ़ी मांगने की सलाह देने लगे। इसी कड़ी में अब जेडीयू के एमएलसी विजय सिंह ने अलोक मेहता के इस बयान को गलत बताते हुए बड़ी मांग रख दी है।
जेडीयू के एमएलसी विजय सिंह ने कहा कि, आलोक मेहता का बयान बिल्कुल गलत है। उनको इस तरफ का बयान नहीं देना चाहिए। इससे सवर्ण समाज आहात हुए हैं। उनके इस बयान को लेकर्स पार्टी को उनके ऊपर ठोस कदम उठाना चाहिए। इसके आलावा मैं अपने तरफ से उनसे इस्तीफे की मांग करता हूं, वो जितनी जल्द हो सके उतनी जल्दी मंत्री पद से इस्तीफा दें।
आपको बताते चलें कि, इससे पहले कल जेडीयू के एक और एमएसी नीरज कुमार ने कहा है कि आरजेडी के नेता बिना किसी जानकारी के गलत बयानबाजी कर रहे हैं। आलोक मेहता को पता होना चाहिए कि आजादी की लड़ाई जाति के आधार पर नहीं लड़ी गई थी। आजादी की लड़ाई में सभी समुदाय के लोगों ने अपना बलिदान दिया है। कुछ भी बोलने से पहले देश का आजादी की लड़ाई की जानकारी ले लेनी चाहिए। मंत्री आलोक मेहता का बयान दुखद और अपमानजनक है। किसी के पूर्वज को कोई सार्वजनिक रूप से अंग्रेजों का दलाल कह दे, यह किसी को अधिकार नहीं है। सवर्ण जाति के लोगों ने अग्रेजों से लड़ाई में अपने खेत-खलिहान को बेच दिया और कारावास में अपनी जिंदगी को बिता दिया था। बिहार स्वतंत्रता सेनानी के बेटों का बिहार है।