ब्रेकिंग न्यूज़

गोपालगंज में रिटायर्ड सैनिक की हत्या का खुलासा, आरोपी गिरफ्तार Bihar Assembly Election 2025: पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह ने विधानसभा चुनाव लड़ने का किया ऐलान,बोलीं..कई दलों से चल रही बातचीत Road Accident In Bihar: सरस्वती पूजा विसर्जन के दौरान बड़ा हादसा, DJ की गाड़ी से कुचल कर एक बच्चे की मौत; दो दर्जन घायल Road Accident in bihar : सड़क हादसे में साले की तिलक समारोह से लौट रहे जीजा की मौत, मातम का माहौल India vs England ODI : भारत-इंग्लैंड वनडे मैच से पहले स्टेडियम में मची भगदड़, कई लोग हुए बेहोश; कुछ के हालत गंभीर pragati yatra: प्रगति यात्रा के दौरान CM नीतीश ने मुंगेर वासियों को दी 400 करोड़ रूपये की सौगात, 1500 करोड़ की बड़ी परियोजनाओं की भी घोषणा Bihar Teacher News: सरकारी स्कूल के सभी शिक्षकों-प्रधानाध्यापकों के लिए बड़ी खबर, हर दिन प्रमाण-पत्र देना होगा, हस्ताक्षर नहीं किये तो 'गैरहाजिर', क्या है मामला..? Bihar News : प्रिंसिपल की गलत हरकत पर भड़के ग्रामीण, अब पिटाई कर कमरे में कर दिया बंद Bihar News: ढाका के BJP विधायक की मांग पर नीतीश कैबिनेट ने लगाई मुहर, लालबकेया नदी पर 72 करोड़ की लागत से बनेगा उच्चस्तरीय पुल BPSC Exam: 70वीं BPSC पीटी परीक्षा मामले पर पटना हाईकोर्ट में फिर टली सुनवाई, जानिए.. क्या रही वजह?

हैदराबाद वाले ओवैसी को बिहार की सियासी जमीन माकूल लग रही है, सभी मुस्लिम बहुल सीटों पर उम्मीदवार देने की कर रहे तैयारी

हैदराबाद वाले ओवैसी को बिहार की सियासी जमीन माकूल लग रही है, सभी मुस्लिम बहुल सीटों पर उम्मीदवार देने की कर रहे तैयारी

17-Sep-2019 02:30 PM

By 7

PATNA : AIMIM यानि ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन चलाने वाले असदुद्दीन ओवैसी को बिहार की सियासी जमीन अपने माकूल नजर आ रही है. लिहाजा ओवैसी की पार्टी ने 2020 के विधानसभा चुनाव में बिहार की तमाम मुस्लिम बहुल सीटों पर उम्मीदवार उतारने की तैयारी शुरू कर दी है. ये दीगर बात है कि पिछले विधानसभा चुनाव में ओवैसी के इरादों को बिहार ने करारा झटका दिया था. लेकिन लोकसभा चुनाव में किशनगंज में मिले वोटों ने उनके हौंसले को बल दिया है. ओवैसी की पार्टी का इरादा ओवैसी की पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरूल ईमान ने एलान किया है कि उनकी पार्टी बिहार की सभी विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी. उन्होंने कहा है कि अगर कोई समान विचारधारा वाली पार्टी उनसे तालमेल की पहल करती है तो वे उसके साथ समझौता कर चुनाव लड़ेंगे. लेकिन बिहार में किसी पार्टी ने ओवैसी की विचारधारा का समर्थन नहीं किया है. लिहाजा किसी मुख्यधारा की पार्टी से समझौता हो पाना कतई संभव नहीं है. ऐसे में AIMIM ने मुस्लिम वोटरों की बहुतायत वाली सीटों की पहचान करनी शुरू कर दी है. उन्हीं सीटों पर उम्मीदवार उतारने की तैयारी की जा रही है. ओवैसी की पार्टी का जोर सीमांचल की दो दर्जन सीटों के साथ साथ दरभंगा,मधुबनी, पूर्वी चंपारण के एक दर्जन सीटों पर है जहां मुसलमान वोटरों की तादाद अच्छी खासी है. लिहाजा अभी से ही तकरीबन तीन दर्जन सीटों पर उम्मीदवार उतारने की तैयारी शुरू कर दी गयी है. लोकसभा चुनाव से मिली ताकत ओवैसी की पार्टी ने 2015 में बिहार विधानसभा का चुनाव भी लड़ा था. बिहार की 6 सीटों पर AIMIM के उम्मीदवार थे. खुद असदुद्दीन ओवैसी ने किशनगंज में कई दिनों तक डेरा डाले रखा था. लेकिन जीत की बात तो दूर रही, 6 में 5 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गयी. ओवैसी की पार्टी को लोकसभा चुनाव परिणाम ने साहस दे दिया है. लोकसभा चुनाव में ओवैसी की पार्टी ने किशनगंज सीट से अपने उम्मीदवार अख्तरूल ईमान को मैदान में उतारा था. AIMIM के उम्मीदवार को तकरीबन तीन लाख वोट मिले. हालांकि ईमान तीसरे नंबर पर रहे लेकिन चुनाव जीतने वाले कांग्रेस के मो. जावेद को उनसे सिर्फ 72 हजार वोट ज्यादा मिले. लोकसभा चुनाव में एक सीट पर तीन लाख वोट आने के बाद AIMIM के हौंसले बुलंद है. ओवैसी को लग रहा है कि बिहार में उनका वोट बैंक खडा हो सकता है. लिहाजा 2020 के लिए अभी से ही रणनीति तैयार की जा रही है.