DESK: एआई यानी की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंन्स के आने के बाद साइबर घटनाएं बढ़ती ही जा रही है। साइबर अपराधियों ने लोगों को ठगने का नया तरीका अपनाया है। अपराधी आवाज बदलकर लोगों को झांसे मे ले रहे है, दरअसल होता ये है कि साइबर अपराधी लोगों को रिश्तेदार या दोस्त बनकर कॉल करते हैं और खुद को परेशानी में बताकर पैसे की डिमांड करते हैं। साइबर अपराधियों के झांसे में आकर लोग अपनी गाढ़ी कमाई गंवा देते हैं।
क्या है AI VOICE CHANGER
आर्टफिशियल इंटेलीजेंस ने आवाज की क्लोनिंग को आसान बना दिया है। एआई वॉयस क्लोनिंग को वॉयस सिंथेसिस और वॉयस मिमिक्री भी कहते है। यह एक टेक्नोलोजी है, जिसके जरिये किसी भी इंसान की आवाज को हूबहू नकल किया जा सकता है और आवाज इतने सटीक होते है कि आप असली और नकली मे फर्क नहीं कर पाएंगे। अब इस टेक्नोलोजी का इस्तेमाल कर साइबर अपराधी लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं।
कई लोग हो चुके है शिकार
पिछले दिनों एक ऐसा ही मामला पंजाब से सामने आया था, जहां साइबर अपराधियों ने एक महिला को आर्टफिशियल इंटेलीजेंस वॉयस के जरिए ठगी का शिकार बनाया था। दरअसल, हुआ ये कि महिला को उसके भतीजे की आवाज से कॉल गया था, जो कनाडा मे रहता है। कॉल करने वाले ने अपने आप को मुसीबत में बताया और पैसे की मांग रखी। महिला ने अपराधी को अपना भतीजा समझा और 1.4 लाख रुपए उसके बताए अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए हालांकि बाद में महिला को एहसास हुआ कि वह AI Voice Fraud की शिकार हो चुकी है। इसी तरह से आर्टफिशियल इंटेलीजेंस वॉयस का इस्तेमाल कर साइबर अपराधी अबतक कई लोगों को ठगी का शिकार बना चुके हैं।
AI Voice Fraud से ऐसे बचें
ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि आप खुद को इस साइबर फ्रॉड से खुद को कैसे बचाए ? इसका जवाब यह है कि- यदि अगर आपके पास ऐसे कॉल आते हैं तो सबसे पहले आप क्रॉस-चेक कीजिए। जिसकी आवाज से कॉल आ रही है सबसे पहले उस व्यक्ति से बात कीजिए और पता लगाईए कि कॉल पर की गई बातें कितनी सच हैं फिर उसके बाद ही कहीं भी भुगतान कीजिए। नहीं तो फिर एक कोडवर्ड सेट करें जो सिर्फ आपके और उस व्यक्ति के बीच हो। जिससे आप किसी भी जालसाजी से बच सकते हैं। ऐसे कॉल से हमेशा सतर्क और सावधान रहें।