BIHAR: अश्विनी हत्याकांड का मुख्य आरोपी गिरफ्तार, घटना के दो महीने बाद पुलिस ने दबोचा बेगूसराय में बाढ़ का कहर: 12 घंटे में 7 की मौत, प्रशासन पर लापरवाही का आरोप BIHAR: गंगा नदी में 100 KM बहकर बचा शख्स, बेंगलुरु से आने के बाद पटना में लगाई थी छलांग Bihar News: बिहार में पानी में डूबने से दो सगी बहनों की मौत, छोटी सी गलती और चली गई जान Bihar Crime News: बिहार में एक धुर जमीन के लिए हत्या, चचेरे भाई ने लाठी-डंडे से पीट-पीटकर ले ली युवक की जान Bihar Crime News: बिहार में एक धुर जमीन के लिए हत्या, चचेरे भाई ने लाठी-डंडे से पीट-पीटकर ले ली युवक की जान Bihar News: बिहार में दर्दनाक सड़क हादसे में देवर-भाभी की मौत, मायके से लौटने के दौरान तेज रफ्तार वाहन ने रौंदा Bihar News: बिहार में दर्दनाक सड़क हादसे में देवर-भाभी की मौत, मायके से लौटने के दौरान तेज रफ्तार वाहन ने रौंदा Bihar News: पुनौरा धाम को देश के प्रमुख शहरों से जोड़ने की कवायद शुरू, सड़क, रेल और हवाई मार्ग से होगी कनेक्टिविटी Bihar News: पुनौरा धाम को देश के प्रमुख शहरों से जोड़ने की कवायद शुरू, सड़क, रेल और हवाई मार्ग से होगी कनेक्टिविटी
1st Bihar Published by: Updated Tue, 08 Feb 2022 04:03:21 PM IST
- फ़ोटो
DESK: अहमदाबाद सीरियल बम ब्लास्ट केस में गुजरात स्पेशल कोर्ट का फैसला आ गया है। इस मामले में कोर्ट ने 49 लोगों को दोषी करार दिया है। वहीं 77 में से 28 आरोपियों को निर्दोष करार देते हुए बरी कर दिया है।
स्पेशल कोर्ट के जज अंबालाल पटेल ने इस मामले में आज फैसला सुनाया। कोर्ट ने सभी 49 दोषियों को आईपीसी की धारा 302, 120 बी और यूएपीए के तहत इस मामले में दोषी करार दिया है। कोर्ट इस मामले में अब कल सुनवाई करते हुए सजा का एलान करेगी।
गौरतलब है कि 26 जुलाई 2008 को सिरियल ब्लास्ट हुआ था। अहमदाबाद में इस दौरान 21 बम धमाके हुए। जिसमें 56 लोगों की जान चली गयी थी। वही 200 लोग घायल हुए थे। अहमदाबाद में 20 जगह पर हुए 21 ब्लास्ट में आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था। जिसमें 28 आरोपी 7 राज्यों की जेल में बंद है।
पुलिस ने दावा किया था आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन (IM) और स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) से जुड़े लोगों ने शहर में ब्लास्ट कराए। पुलिस का मानना था कि IM के आतंकियों ने 2002 में गोधरा कांड के बाद हुए दंगों के जवाब में यह ब्लास्ट किया।2009 में जब ट्रायल शुरू हुआ तब करीब 35 केसों को मिलाकर एक केस बनाया गया। लंबे चले मुकदमे में कई मोड़ आए।
प्रोसिक्यूशन ने जज एआर पटेल के सामने 1,100 से ज्यादा गवाहों से पूछताछ की। केस से जुड़े 6 हजार डॉक्यूमेंट्स कोर्ट में पेश किए गए। 3,47,800 पेज की 547 चार्जशीट तैयार की गई थीं। अकेले प्रायमरी चार्जशीट ही 9800 पेज की रही। 77 आरोपियों के मामले में 14 साल बाद दलीलें पूरी हुई। फैसला लेने के लिए 7 जज बदले गए। वही लॉकडाउन के दौरान भी सुनवाई रोजाना हुई। अधिकतर सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की गईं।