एडवांटेज डायलाॅग में शामिल हुईं बी.के. शिवानी बहन, बोलीं- सुकून, सेहत और अच्छे रिश्ते जीवन के लिए बहुमूल्य

एडवांटेज डायलाॅग में शामिल हुईं बी.के. शिवानी बहन, बोलीं- सुकून, सेहत और अच्छे रिश्ते जीवन के लिए बहुमूल्य

PATNA : ब्रह्मा कुमारी शिवानी बहन बुधवार को एडवांटेज डायलाॅग में शामिल हुईं. बी.के. शिवानी बहन ने कहा है कि सुकून, सेहत और अच्छे रिश्ते आपके जीवन के लिए बहुमूल्य चीजें हैं. मन का ध्यान रखना है. यह बहुत बड़ी जिम्मेदारी है. यह बहुत बड़ी सेवा है. मन परिस्थिति पर निर्भर है, सोच हमारे पास है, इसे सिर्फ नियंत्रित करना है. तनाव मन की शांतिपर निर्भर है. अपने मन की शांति को बढ़ाना होगा. बाहर की बातों में तो डर है ही, अंदर की मन की बात को संयत रखना है, अपने व्यवहार में संयम रखें.  परिस्थिति स्थिर रहेगी. हमारे डाॅक्टर, सरकार, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पुलिस सभी कोविड वाॅरियर्स हैं, काफी काम कर रहे हैं, सब ठीक होगा. निर्भय, नीडर बनना होगा. हिंसा, नफरत, गुस्सा और डर से दूर रहना होगा.  मीडिया या सोशल मीडिया को कम देखें, उनके विषय वस्तु को अपने पर हावी न होने दें. उसका विषय वस्तु सही होना चाहिए.


बुधवार को ब्रह्मा कुमारी शिवानी बहन  डिजिटल प्लेटफार्म जूम पर एडवांटेज डायलाॅग के मेगा शो के 17वें एपिसोड में बोल रही थीं. एन.डी.टी.वी. की मीडिया एक्सपर्ट नगमा सहर से बातचीत में उन्होंने कहा कि शरीर की इम्युनिटी बढ़ानी है, साथ ही मन की इम्युनिटी को भी बढ़ाना है तो मन को जंक फूड जैसा आहार न दें. उन्होंने कहा कि आधा से एक घंटा समय सुबह में और रात में सोने से पहले आध्यात्मक को जरूर दें. इस दौरान मोबाइल फोन से दूर रहें. इस दौरान भगवान का शुक्रिया अदा करें. उन्होंने कहा कि माता-पिता की सोच का असर उसके बच्चे पर पड़ता है, इसलिए उन्हें अपनी सोच और विचार अच्छा रखना चाहिए.संयम और नियम का जीवन बनाना है. माता-पिता की धड़कन का असर उनके बच्चों पर पड़ता है. बच्चों के ओटीपी प्लेटफार्म को कंट्रोल करना होगा। उनके विशय वस्तु पर नियंत्रण रखना होगा. उनका विषय वस्तु गुणवत्तापूर्ण होना चाहिए. संस्कृति संस्कार एक-दूसरे के पूरक हैं. बच्चों के लिए लाॅकडाउन छुट्टी जैसा है, इसलिए वे अपने माता-पिता के साथ समय बिताएं. उन्होंने कहा कि सोच कर बोलो, सोच कर करो और सोच कर सोचो. बच्चों की शक्ति को बढ़ाना होगा. किसी पर दोषारोपण करना छोड़ो. मन को प्रयत रखो. गुलामी की जीवन से बचो. अपने साथ रहने के लिए खाली बैठना होगा.  मन की शांतिको बचाना होगा. अकेले बैठना होगा. जीवन जीने का तरीका संस्कार है. एक साथ कई काम न करो. टेक्नोलाॅजी काम की चीज है. आपको उसका सही उपयोग करना होगा. उसे नियंत्रण मे रखना होगा. सुबह में तीन किलोमीटर टहलना चाहिए. काम का प्रेशर कम करने के लिए अपने संस्कार को आगे रखो. झूठ न बोलो. बहुत जल्दी किसी चीज को पाने के लिए अपने संस्कार में न आने दो.


इससे पूर्व ब्रह्मा कुमारी की बिहार शाखा की प्रमुख परमयोगिनी रानी ने बातचीत की शुरुआत की और कहा कि शांति , सुविचार, कल्याणी विचार रखना होगा. आपकी वाणी और दृष्टि का प्रभाव पड़ता है. संकल्प करें कि हम सभी शांतिमें रहें। शांतिकी शक्ति बढ़ानी होगी. अंदर से शांतिवातावरण में भी शांति बनाती है. एडवांटेज ग्रुप के संस्थापक तथा सी.ई.ओ. खुर्शीद अहमद ने कहा कि आज मेगा शो मे शिवानी बहन के कार्यक्रम को जूम तथा फेसबुक पर 25 हजार लोगों ने देखा. उन्होंने कहा कि एडवांटेज डायलाॅग के अब तक हुए कार्यक्रम को पांच लाख लोगों ने देखा है. आज के कार्यक्रम को लंदन, फ्रांस, यू.ए.ई. के अलावा देश शहरों से लोग देख रहे थें. उन्होंने कहा कि इस समय एडवांटेज डायलाॅग काफी मशहूर हो चुका है और दिन-प्रतिदिन दर्षकों की संख्या बढ़ती जा रही है.



कल गुरूवार की शाम 7.30 बजे से 8.30 बजे तक मेगा शो में बाॅलीवुड के गीतकार और लेखक मनोज मुंतशिर शुक्ला का कार्यक्रम काफी भव्य होगा. उनसे बातें करेंगी मीडिया एक्सपर्ट डाॅ. रत्ना पुरकायस्थ. वे अब तक बाॅलीवुड के लिए कई गाने लिख चुके हैं, जिनमें तेरी गलियां, तेरे संग यारा, कौन तुझे यूं, मैं फिर भी तुझको चाहूंगा, मेरे रश्के कमर, तेरी मिट्टी आदि शामिल हैं. वे आशिकी-2 तथा बाहुबली फिल्मों के लिए भी गाने लिख चुके हैं. इसके अलावा अक्षय कुमार की केसरी, रूस्तम, एम.एस.धोनी, एक विलेन, हाॅफ गर्लफ्रेंड तथा बादशाह के लिए भी गाने लिख चुके हैं. उन्होंने कहा कि ईद के बाद पुनः जून से एडवांटेज डायलाॅग के कार्यक्रम शुरू हो जाएंगे. एडवांटेज डायलाॅग के कार्यक्रम में भाग लेने के लिए [email protected] पर रजिस्ट्रेशन कराएं. यह रजिस्ट्रेशन निःशुल्क होगा. एडवांटेज डायलाॅग के कार्यक्रम में अब तक बड़े-बड़े लोग भाग ले चुके हैं, जिनमें डाॅ. ए.ए. हई, रौशन अब्बास, सैयद सुल्तान अहमद, कोका कोला के वाइस प्रेसिडेंट इश्तेयाक अमजद, पूर्व क्रिकेटर सैयद सबा करीम, गूंज के संस्थापक अंशु गुप्ता के नाम प्रमुख हैं.