DESK: गया के शिवनगर गांव में उस वक्त खुशी का माहौल अचानक मातम में तब्दिल हो गया। जब बेटी की शादी के दिन ही पिता की मौत हो गयी। इस घटना की खबर जैसे ही बाराती और शराती पक्ष के लोगों को हुई शादी समारोह में हड़कंप मच गया। परिजनों के आंखों के आंसू थमने के नाम नहीं ले रहे थे। जिसके बाद दोनों पक्षों ने आपसी सहमती से वर-वधू का विवाह मंदिर में कराने का फैसला लिया। फिर दोनों की शादी हिन्दू रिति रिवाज के साथ संपन्न हुई। शादी के बाद परिजनों ने मंदिर से ही दुल्हन को ससुराल विदा किया। इस दौरान पिता का शव घर में पड़ा रहा। बेटी की विदाई के बाद ही पिता का अंतिम संस्कार किया गया।
बताया जाता है कि मृतक महेंद्र राम आसनसोल में कोल इंडिया में नौकरी करते थे। अपनी बेटी की शादी के लिए वे घर आए हुए थे। सोमवार को बेटी की शादी थी। शादी की सारी तैयारियां की जा चुकी थी। डोभी थाना क्षेत्र के बीजा गांव से बाराती भी पहुंच चुके थे। बारात लगने के बाद जयमाला भी हो चुका था। बाराती और शराती सभी खाना भी खा चुके थे। कई लोग तो अपने-अपने घर भी लौट चुके थे। हालांकि शादी को लेकर वर-वधू पक्ष के परिवार के लोग मौजूद थे। अब सिर्फ शादी की रस्में बाकी थी। जिसकी तैयारी भी चल रही थी तभी देर रात दुल्हन के पिता के पेट में दर्द शुरू हो गया। दर्द से कराह रहे महेंद्र राम को आनन-फानन में लोग टिकारी अनुमंडलीय अस्पताल ले गयेे जहां उनकी स्थिति और बिगड़ने लगी। पेट दर्द से कराह रहे महेन्द्र राम ने कुछ देर बाद अस्पताल में ही दम तोड़ दिया।
अनुमंडलीय अस्पताल के डॉक्टरों ने जब इस बात की जानकारी दी तो मानों परिजनों और ग्रामीणों मे कोहराम मच गया। एक तरफ पिता की मौत और दूसरी तरफ बेटी की शादी ऐसे में क्या किया जाएं लोग समझ नहीं पा रहे थे। वर और वधू पक्ष के लोगों ने इसे लेकर बातचीत की। इस दौरान गांव के लोग भी मौजूद थे। जिसमें यह फैसला लिया कि शादी मंदिर में की जाएगी। गम के माहौल के बीच शादी संपन्न कराई गयी और दुल्हन को विदा किया गया। जिसके बाद ही शव का दाह संस्कार किया गया। इस घटना को लेकर गांव में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है वही परिजनों का हाल बेहाल है।