अचानक जागा नीतीश का मुस्लिम प्रेम! केंद्र सरकार से कहा- इजरायल से संबंध तोड़ो, विपक्षी पार्टियों के मुसलमान नेताओं के साथ उठायी मांग

अचानक जागा नीतीश का मुस्लिम प्रेम! केंद्र सरकार से कहा- इजरायल से संबंध तोड़ो, विपक्षी पार्टियों के मुसलमान नेताओं के साथ उठायी मांग

DELHI: दिल्ली से लेकर बिहार में बीजेपी के साथ सरकार चला रहे नीतीश कुमार की पार्टी का मुसलमानों से प्यार अचानक से जाग गया है. जेडीयू ने केंद्र सरकार से मांग की है कि वह इजराइल से संबंध तोड़ ले. इजराइल से हथियारों की खरीद-बिक्री तत्काल बंद होनी चाहिये. बता दें कि इजराइल सैन्य सामानों की खरीद-बिक्री में भारत का सबसे प्रमुख सहयोगी है. लेकिन नीतीश कुमार के राजनीतिक सलाहकार और जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता केसी त्यागी ने विपक्षी पार्टियों के मुस्लिम नेताओं के साथ एक पत्र पर साइन कर इजराइल से हथियारों की खरीद-बिक्री बंद करने की मांग की है. उधर, केंद्र सरकार के वक्फ बिल पर भी जेडीयू यू-टर्न मारने की तैयारी में लगी है.


विपक्षी नेताओं के साथ जेडीयू की जुगलबंदी

दिल्ली में मुस्लिम संगठन अल गुद्स ने गाजा औऱ फिलिस्तीन को लेकर बैठक की. इसमें  समाजवादी पार्टी के सांसद जावेद अली खान और मोहिबुल्लाह नदवी, पूर्व सांसद मोहम्मद अदीब, कांग्रेस प्रवक्ता मीम अफजल और पूर्व सांसद कुंवर दानिश अली शामिल थे. इस बैठक में जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार के राजनीतिक सलाहकार और पार्टी के मुख्य प्रवक्ता केसी त्यागी भी पहुंचे. बैठक के बाद एक साझा बयान जारी किया गया. इसमें विपक्षी नेताओं के साथ केसी त्यागी ने भी साइन किया. इस बयान में केंद्र सरकार से इजराइल के खिलाफ और फिलिस्तीन के पक्ष में खड़े होने की मांग की गयी.


जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि 1992 से ही उनकी पार्टी का मानना है कि इजराइल से हथियार की खरीद बिक्री बंद होनी चाहिये. भारत को फिलिस्तीन के पक्ष में ख़ड़ा होना चाहिये. केसी त्यागी ने पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी का हवाला देते हुए कहा कि वे भी फिलिस्तीन के साथ थे. भारत उन देशों में शामिल है जिसमे फिलिस्तीन को सबसे पहले मान्यता दी थी, लिहाजा अब भी भारत को मजबूती के साथ फिलीस्तीन के पक्ष में खड़े होना चाहिये.


देश से ज्यादा मुसलमान वोट की फिक्र

बता दें कि इजराइल भारत का सबसे बड़ा सैन्य सहयोगी है. इजराइल ने भारत को एंटी मिसाइल टेक्नोलॉजी से लेकर कई औऱ आधुनिक हथियार दिये हैं. इजराइल और फिलिस्तीन के बीच चल रहे मौजूदा जंग में भारत ने खुद को तटस्थ रखा है. अपने सैन्य जरूरतों के कारण भारत इजराइल से संबंध खराब नहीं कर सकता. लेकिन जेडीयू ने विपक्षी पार्टियों के साथ मिलकर केंद्र सरकार की विदेश नीति से अलग मांग रख दी है.


वक्फ बिल पर भी यू-टर्न मारने की तैयारी

उधर, केंद्र सरकार के वक्फ बिल पर भी जेडीयू का स्टैंड बदलता हुआ दिख रहा है. नरेंद्र मोदी सरकार के वक्फ संशोधन विधेयक का लोकसभा में समर्थन करने के बाद केंद्रीय मंत्री ललन सिंह औऱ जेडीयू नेताओं ने पटना में मुस्लिम नेताओं के साथ बैठक की. बैठक में जेडीयू ने मुसलमान नेताओं को कहा कि वह वक्फ बिल को लेकर उनकी चिंता के साथ है. इस बिल पर विचार करने के लिए संसदीय कमेटी बनायी गयी है. इस कमेटी में जेडीयू के सांसद दिलेश्वर कामत सदस्य हैं. वे कमेटी की बैठक में मुसलमानों के हित की बात उठायेंगे. 


मुसलमान नेताओं के साथ जेडीयू नेताओं की ये बैठक नीतीश कुमार के निर्देश के बाद हुई थी. दरअसल, संसद में वक्फ बिल पर चर्चा के दौरान जेडीयू के मंत्री ललन सिंह ने बिल का पुरजोर समर्थन किया था. केंद्रीय मंत्री ललन सिंह की तरफ से वक्फ बिल के समर्थन के बाद मुस्लिम संगठनों के नेताओं ने नीतीश कुमार से मुलाकात की थी. मुस्लिम नेताओं ने नीतीश के सामने जेडीयू के स्टैंड पर नाराजगी जाहिर की थी. नीतीश ने मुसलमानों को भरोसा दिलाया था कि कुछ गलत नहीं होने दिया जाएगा. इसके बाद जेडीयू नेताओं ने मुसलमानों के नेताओं के साथ बैठक की. इसमें ललन सिंह भी मौजूद थे. 


बीजेपी की मुसीबतें बढ़ेंगी

मुसलमानों को लेकर जेडीयू के बदलते स्टैंड से बीजेपी की परेशानियां बढ़ सकती है. पहले से ही चिराग पासवान की लगातार बयानबाजी से बीजेपी टेंशन में है. चिराग पासवान ने एससी-एसटी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से लेकर लेटरल एंट्री जैसे मामलों पर बयान देकर बीजेपी को परेशानी में डाला है. उन्होंने कांग्रेस औऱ समाजवादी पार्टी की तरह देश में जातीय जनगणना करने की भी मांग कर दी है. जाहिर है अब जेडीयू के भी तेवर बदलने से बीजेपी को मुश्किलें बढ़ेंगी.