GAYA: अवैध बालू खनन एवं परिवहन को रोकने के लिए लिए गया डीएम डॉ० त्यागराजन एसएम ने अधिकारियों के साथ बैठक की। इस मीटिंग में सभी बंदोबस्त घाटों के ठेकेदारों, खनन विभाग के तमाम पदाधिकारी, सभी अंचलाधिकारी, थानाध्यक्ष, अनुमंडल पदाधिकारी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी शामिल हुए। अवैध बालू खनन को रोकने के लिए कई आवश्यक निर्देश दिये गये।
गया डीएम ने कहा कि सभी अंचलाधिकारी, थानाध्यक्ष ज्वाइंट रूप से लगातार छापेमारी अभियान चलाये। इसके अलावे अनुमंडल पदाधिकारी एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सप्ताह में 2 दिन अनिवार्य रूप से बालू घाटों पर छापेमारी करे। छापेमारी पूरी तैयारी करते हुए करें जिससे बरामदगी ज्यादा से ज्यादा हो सके। बता दें कि मानसून को लेकर 15 जून से नदियों एवं घाटों से बालू के उठाव को बंद किया गया है। वर्तमान समय में कोई भी बालू घाट चालू नहीं है। यदि कोई भी वाहन नदी या घाट से बालू का उठाव करता है तो वह पूरी तरह अवैध माना जाएगा। सभी बंदोबस्त घाटों के संवेदक को डीएम ने निर्देश दिया कि अपने-अपने घाटों का भौतिक रूप से निरीक्षण करें। जहां भी बालू उठाव के कारण गड्ढे बने हैं उसे समतलीकरण कराए ताकि नदी में डूबने से संबंधित कोई घटना नहीं हो।
घाटों से बालू उठाव के कारण बने गड्ढे में बारिश का पानी भरने के कारण घटनाएं होने की संभावना बनी रहती है। उन्होंने खनन विभाग के पदाधिकारी एवं संबंधित बालू घाट के संवेदक को संयुक्त रूप से घाटों का सर्वेक्षण करने एवं सर्वेक्षण में जो भी गड्ढे दिखे जाएंगे उसे समतल कराये। इसके अलावे डीएम ने कहा कि अंचलाधिकारी एवं अनुमंडल पदाधिकारी के स्तर से भी नामित पदाधिकारी भी घाटों पर बने गड्ढे का सर्वेक्षण करेंगे एवं खनन पदाधिकारी से समन्वय स्थापित कर गड्ढे को भरवाने का काम सुनिश्चित करेंगे।
गया जिले के डीएम ने निर्देश देते हुए कहा कि हर हाल में घाटों में बालू उठाव के कारण बने गड्ढों को 30 जून तक समतलीकरण करवा लें। ज़िला खनन पदाधिकारी ने बताया कि अप्रैल से जून माह के बीच अब तक 182 छापेमारी हुई जिसमे 20 प्राथमिक दर्ज की गयी। 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया वही 56 वाहनों को जब्त किया गया है। इस दौरान 191.95 लाख रुपया जु्र्माना वसूला गया है। गया डीएम ने सभी पदाधिकारियों को सख्त निर्देश दिया है पूरी प्लान तैयार कर नियमित छापेमारी अभियान चलाए और बड़े माफियाओं के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करें। किसी भी सूरत में बालू माफिया को बख्शा नहीं जाएगा।
गया से नितम राज की रिपोर्ट