GAYA : महागठबंधन में कोआर्डिनेशन कमेटी और नेतृत्व का चेहरा तय करने की मांग पर अड़े पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को आरजेडी ने तरजीह नहीं दिया। मांझी की हर डेडलाइन फेल होती गई और आखिरकार बिहार में 31 जुलाई तक लॉकडाउन लग गया। अब आरजेडी से निराश जीतन राम मांझी ने एनडीए की राह पकड़ ली है।
जीतन राम मांझी ने अब भारतीय जनता पार्टी और जनता दल यूनाइटेड की तर्ज पर अब वर्चुअल सम्मेलन की शुरुआत कर दी है। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा की पहली वर्चुअल रैली का आयोजन आज किया गया जिसमें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के अलावा उनके बेटे और विधान पार्षद संतोष कुमार सुमन भी शामिल हुए। इस बैठक में बाजी के तेवर अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं के सामने नरम दिखे। मांझी ने कहा कि महागठबंधन नहीं टूटे इसके लिए उन्होंने कांग्रेस से समय लिया है।
पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कोरोना संक्रमण के बीच चुनाव कराए जाने को लेकर अपनी चिंता जाहिर की है।।मांझी ने कहा है कि अगर संक्रमण के बीच चुनाव कराए जाते हैं तो वोटिंग फ़ीसदी कम होगा साथ ही साथ ऑनलाइन और टेक्निकल माध्यम के जरिए बहुत चीजें अदर नियंत्रित की गई तो गड़बड़ी की आशंका रहेगी। जीतन राम मांझी ने यह भी कहा कि हम इस बात का प्रयास कर रहे हैं कि महागठबंधन ना टूटे लेकिन हमारी कुछ मांगे हैं। आपस में बैठकर अगर सहमति बनी तो सब कुछ ठीक हो जाएगा। कांग्रेस के लोगों ने आरजेडी को संभालने के लिए वक्त मांगा है लिहाजा अभी हम इंतजार कर रहे हैं। आरजेडी को अगर सद्बुद्धि आ जाएगी तो राज्य के लिए बहुत अच्छा होगा।