PATNA : अब तक आपने इंसानों की कोरोना टेस्टिंग होते हुए देखा होगा लेकिन पहली बार देश की सबसे बड़ी नदी गंगा का कोरोना टेस्ट किया जा रहा है। जी हां, गंगा नदी में जिस तरह कोरोना की दूसरी लहर के दौरान बहते हुए शव पाए गए उसके बाद यह आशंका जताई जा रही थी कि कहीं गंगा नदी के पानी में तो कोरोना वायरस नहीं फैल चुका है। इस आशंका को देखते हुए अब गंगा नदी के पानी का सैंपल लेकर उसका आरटीपीसीआर टेस्ट कराने की शुरुआत हो गई है।
गंगा नदी के पानी में संक्रमण फैला है या नहीं इसकी जांच का जिम्मा जल शक्ति मंत्रालय के नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टॉक्सोलॉजिकल रिसर्च को दिया है। लखनऊ की यह संस्था पटना के साथ-साथ बक्सर, भोजपुर और सारण में गंगा नदी के पानी का सैंपल ले चुकी है। इसकी जांच लखनऊ में चल रही है। दूसरा सैंपल अगले हफ्ते लिए जाने की उम्मीद है। दोनों सैंपल की जांच रिपोर्ट एक समान आई तो रिपोर्ट जारी कर दी जाएगी। अगर दोनों सैंपल की रिपोर्ट अलग-अलग आई तो संभव है कि तीसरी बार भी सैम्पल लिया जाए। उम्मीद जताई जा रही है कि तकरीबन एक महीने के बाद दी है रिपोर्ट सामने आ जाएगी।
खास बात यह है कि इस जांच टीम में बिहार प्रदूषण नियंत्रण पार्षद के एक्सपर्ट भी शामिल हैं। आपको याद दिला दें कि मई के दूसरे हफ्ते में गंगा नदी के अंदर बड़ी संख्या में शवों को देखा गया था। बक्सर के गंगा घाटों की तस्वीर सामने आई थी जहां बड़ी तादाद में शव बहते हुए पाए गए थे। 10 मई को देश भर में यह तस्वीर वायरल हुई थी और इसके बाद बिहार ने यूपी सरकार से बातचीत की थी। बाद में शवों के अंतिम संस्कार को सुनिश्चित किया गया था। गंगा नदी में शवों को बहता देख लोग दहशत में थे और इसीलिए अब इसकी कोरोना जांच कराई जा रही है।