PATNA : बिहार में पुलिस अफसर और सिपाहियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है. डीएसपी ही नहीं बल्कि अब इंस्पेक्टर और दारोगा को भी सरकार मेडिकल खर्च देगी. इतना ही नहीं सिपाहियों को भी इलाज के लिए सरकार पैसे देगी. अब साल में एक बार स्वास्थ्य जांच के लिए इंस्पेक्टर से सिपाही तक को पैसे मिलेंगे. इसके लिए पुलिस मुख्यालय में प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है. जल्द ही मंजूरी के लिए गृह विभाग को भेजा जायेगा.
पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों के एसपी को चिठ्ठी भेजी है. मेडिकल जांच के लिए विभाग से राशि उपलब्ध कराने की सुविधा हजारों पुलिस पदाधिकारियों और सिपाहियों को मिलेगी. भागलपुर जिले में लगभग एक हजार पुलिस पदाधिकारियों और जवानों को यह सुविधा मिलेगी. पूर्व बिहार कोसी की बात की जाये तो यह संख्या हजारों में होगी. पुलिस मुख्यालय स्तर पर जो प्रस्ताव तैयार किया गया है उसमें बताया गया है कि राज्यभर के 70 हजार पुलिस पदाधिकारियों और कर्मियों को इससे लाभ होगा.
पुलिस एसोसिएशन काफी दिनों से इसकी मांग कर रहा था. पुलिस पदाधिकारियों और जवानों के स्वास्थ्य को लेकर विभाग चिंतित है. आईपीएस और बिहार पुलिस के पदाधिकारियों के लिए साल में एक बार स्वास्थ्य परीक्षण कराना अनिवार्य है, लेकिन उनके नीचे के पदाधिकारियों और जवानों के लिए ऐसी व्यवस्था नहीं होने से लापरवाही दिख रही थी. इस तरह की जांच में अगर कोई कमी निकलती है तो उसका आगे भी इलाज कराया जायेगा पर जांच ही नहीं होगी तो बीमारी का भी पता चलना मुश्किल हो जाता है. यही वजह है कि अब इंस्पेक्टर से सिपाही और चतुर्थवर्गीय कर्मियों के लिए भी इसे अनिवार्य किये जाने की तैयारी है.
पुलिस पदाधिकारियों और कर्मियों के फिटनेस को लेकर पुलिस विभाग और भी कोशिश कर रहा है. स्वस्थ पुलिसकर्मियों की एक टीम बनाने का फैसला विभाग ने लिया है. प्रत्येक जिले में लगभग 100 पुलिस पदाधिकारियों और जवानों की टीम बनायी जायेगी, जिसमें शारीरिक रूप से फिट जवानों को शामिल किया जायेगा. उस टीम को एक मॉडल के रूप में देखा जायेगा और उससे प्रेरणा लेकर अन्य पुलिस वाले भी अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत होंगे और खुद को फिट रखेंगे.