PATNA: बिहार विधानसभा औऱ विधान परिषद का सत्र दो दिन बाद शुरू हो रहा है. सत्र शुरू से दो दिन पहले सरकार ने पटना के पुलिसकर्मियों के लिए खास फरमान जारी कर दिया है. सरकार का फरमान है-विधानसभा से लेकर सचिवालय के पूरे कैंपस के हर रोज चप्पे-चप्पे को छान मारें, हर आने-जाने वाले पर कड़ी नजर रखें. किसी सूरत में शराब की बोतल नहीं मिलनी चाहिये. सरकार का ये फरमान इसलिए आय़ा है क्योंकि विधानसभा के पिछले सत्र के दौरान कैंपस से शराब की खाली बोतलें मिली थीं. बिहार के डीजीपी तक खाली बोतलें खोज रहे थे लेकिन उसे फेंका किसने ये पता नहीं लगा पाये थे.
शराब की बोतलों से सुरक्षा
विधान सभा के सत्र के दौरान सुरक्षा व्यवस्था का पुख्ता इंतजाम किया जाता है. शुरू से ये व्यवस्था होती आयी है. पूरा प्रशासन अलर्ट पर रहता है. पुलिस ये देखती रही है कि कहीं कोई पिस्तौल-बम लेकर न विधानसभा कैंपस में घुस जाये. या फिर कोई अवांछित व्यक्ति न प्रवेश कर जाये. लेकिन इस बार नया टास्क दिया गया है. किसी सूरत में शराब की बोतल विधानसभा कैंपस में नहीं घुसे. इसके लिए चाहे जो करना हो पुलिस उसे करे.
एसएसपी ने सुनाया सरकार का फरमान
पटना एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो औऱ डीएम चंद्रशेखर सिंह सत्र शुरू होन से दो दिन पहले विधानसभा परिसर की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने गये थे. वहां सुरक्षा में लगाये गये सारे पुलिसकर्मियों को इकट्ठा किया गया औऱ फिर माइक पर एसएसपी ने फरमान सुनाना शुरू किया.“ विधानसभा कैंपस के अंदर औऱ बाहर लगातार पैदल गश्ती करें ताकि प्रतिबंधित वस्तु अंदर नहीं आ सके. पिछली बार शराब की खाली बोतलें मिली थीं. इस बार कोई ऐसी हरकत कर नहीं पाये. शराब की खाली बोतल जैसी कोई भी वस्तु मिलती है तो उसे जब्त करके सचिवालय थाने के सुपुर्द कर दीजिये. शाम के समय खास तौर पर नजर रखें. उसी वक्त कोई ऐसी शरारत कर सकता है. शाम के समय पैदल गश्ती करिये औऱ पूरे विधानसभा के साथ सचिवालय कैंपस को सैनिटाइज करिये. गश्ती करके शराब की बोतल जैसी वस्तु को हटाना है ताकि अगर कोई शरारती तत्व उसे फेंकता है तो उसका एजेंडा पूरा नहीं हो पाये.”
शराब पर बेचैन सरकार
हम आपको बता दें कि विधानसभा के पिछले सत्र के दौरान विधानसभा कैंपस में शराब की खाली बोतलें मिली थी. इसकी खबर मिलने के बाद तेजस्वी यादव ने मीडियाकर्मियों को साथ ले जाकर नजारा दिखाया था कि शराबबंदी वाले सूबे में विधानसभा कैंपस में ही शराब की बोतल मिल रही है. देश भर में फजीहत हुई तो नीतीश कुमार ने मुख्य सचिव औऱ डीजीपी को बुलाकर जांच करने को कहा था. बिहार के डीजीपी तो खुद झाडियों में घुसकर शराब की बोतलें ढूंढ़ रहे थे. पुलिस ने एफआईआर दर्ज किया लेकिन शराब की बोतल फेंकने वाले को तलाश नहीं पायी. इसके लिए हर जतन किये गये लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला.
ऐसे में सरकार अब पहले ही पुलिस को ऐसे टाइट कर दे रही है जिससे कि विधानसभा कैंपस में कोई शराब की बोतल के साथ घुस ही नहीं पाये. अब सुबह शाम ही नहीं बल्कि रात में भी पुलिस वाले विधानसभा से लेकर सचिवालय तक पैदल गश्ती लगायेंगे. ताकि शराब की कोई बोतल फेंकी गयी है तो उसे ढूंढ़ कर वहां से हटाया जा सके.