आम बजट में बिहार का हाथ खाली, वित्त मंत्री के भाषण में कहीं भी नहीं हुआ जिक्र

आम बजट में बिहार का हाथ खाली, वित्त मंत्री के भाषण में कहीं भी नहीं हुआ जिक्र

DESK : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल का बजट पेश किया है। यह बजट मोदी 2.0 सरकार का आखिरी बजट है। इस बजट के माध्यम से मध्यम और गरीब वर्ग के लोगों के लिए तो कई घोषणाएं हुई है, लेकिन बिहार के लिए बजट में क्या था, यह एक बड़ी सवाल है। 


केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में देश का बजट पेश किया है। वित्त मंत्री ने डेढ़ घंटे में पूरी बजट को संसद के सामने पेश किया। जिसमें गांव, किसान, मिडिल क्लास, गरीब, टैक्स हर क्षेत्र के लिए कई योजनाएं निकाली गई। लेकिन बजट में बिहार के विकास को लेकर कुछ नहीं था। इस बजट से बिहार के लोगों को काफी उम्मीदें थी। मगर वित्त मंत्री ने तो अपने डेढ़ घंटे के भाषण में बिहार के नाम तक का जिक्र नही किया। बजट की सबसे खास बात टैक्स को लेकर थी। बजट में मिडिल क्लास के लोगों को इनकम टैक्स में 7 लाख रुपये की आय तक छूट दे दी। आपको बता दें कि पहले यह 5 लाख रुपए थी। लेकिन इस बार के बजट में टैक्स के नियमों में  कई बदलाब किए गए हैं। साथ ही कृषि क्षेत्र में, युवाओं के लिए कई घोषणाएं हुई है। 


अगर हम बात बिहार की करें तो वित्त मंत्री ने अपने भाषण में बिहार के नाम का जिक्र तक नही किया। बिहार और बिहार के लोग लंबे समय से बिहार के विशेष राज्य का दर्जा मिलने का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन इस बार भी सबकी उम्मीदें धरी की धरी रह गई है। इस साल के बजट में यह उम्मीद पूरी नही हुई है। आपको बता दें कि पिछले दिनों जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से केंद्रीय बजट के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देना चाहिए। इसकी मांग कब से की जा रही है और विशेष राज्य का दर्जा मिलने के बाद ही हमारा राज्य सही तरह से विकास कर पाएगा।


वहीं, निर्मला सीतारमण ने राज्यों को लेकर जो निर्णय लिया है उसके मुताबिक अब राज्यों की सहभागिता से पर्यटन को मिशन मोड पर बढ़ावा दिया जाएगा। अर्बन इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड बनाया जाएगा जिससे शहरों में आधारभूत संरचना के विकास के लिए सभी राज्यों के लिए दस हजार करोड़ का बजट प्रस्ताव है।  राज्य सरकारों को पुराने वाहन और एम्बुलेंस को स्क्रैप करने में सहायता देने का प्रस्ताव है। इसके आलावा राज्यों को प्रोत्साहित किया जाएगा कि वो अपनी राजधानी में या एक प्रमुख पर्यटन शहर में यूनिटी मॉल बनाएं जिसमें उस राज्य और दूसरे राज्य के बने उत्पादों की बिक्री को बढ़ावा मिले।