आखिर पहली बार गफलत में क्यों आये गडकरी, मुंगेर पुल का उद्घाटन करने के बाद फैसला वापस लिया

आखिर पहली बार गफलत में क्यों आये गडकरी, मुंगेर पुल का उद्घाटन करने के बाद फैसला वापस लिया

PATNA : केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में अपने बेहतरीन कामकाज के लिए पहचान रखने वाले केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी पहली बार गफलत में नजर आए हैं। मामला बिहार के मुंगेर में बने नए पुल के उद्घाटन से जुड़ा हुआ है। दरअसल मुंगेर के नए पुल जिसका नाम श्री कृष्ण सेतु रखा गया है। उसका उद्घाटन आज पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की जयंती पर होने वाला था लेकिन अब इसे लेकर जो कहानी सामने आई है वह बेहद दिलचस्प है। 


दरअसल इस पुल को लेकर एक दिन में ही तीन अलग-अलग तरीके की बातें सामने आई। शुक्रवार को इस पुल का केंद्रीय मंत्री ने वर्चुअल तरीके से उद्घाटन कर दिया। इसके थोड़ी देर बाद इसे जनता को समर्पित करने की जानकारी दे दी गई लेकिन देर शाम होते-होते यह जानकारी सामने आई कि पुल का उद्घाटन समारोह किन्हीं कारणों से स्थगित कर दिया गया है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की तरफ से पहले यह जानकारी साझा की गई कि पुल का निर्माण पूरा हो चुका है। फिर इसे जनता को सौंपने की घोषणा भी की गई लेकिन रात होते-होते पुल का उद्घाटन समारोह टालने की बात केंद्रीय मंत्री ने कह दी। ऐसा क्यों हुआ इसकी जानकारी सामने नहीं आई है। लेकिन नितिन गडकरी के तीन अलग-अलग बयान उनके सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए शेयर किए गए। 


दोपहर तकरीबन 2 बजे उनकी तरफ से यह जानकारी दी गई कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण यानी एनएचएआई की तरफ से बिहार में एनएच333बी पर 4 किलोमीटर लंबे मुंगेर गंगा रेल-सह-सड़क पुल का निर्माण कार्य पूरा किया जा चुका है। इस पुल के दोनों तरफ से 15 किलोमीटर का एप्रोच रोड भी तैयार किया गया है। नितिन गडकरी ने यह भी जानकारी दी कि इस पर कुल 2774 करोड़ों की राशि खर्च हुई है। यह पुल मुंगेर और खगड़िया के साथ-साथ से बेगूसराय के लोगों के बीच यात्रा को सुगम बनाएगा और व्यापार के नए अवसर भी खुलेंगे। एक तरीके से नितिन गडकरी ने इसे चालू किए जाने का ऐलान कर दिया।


शुक्रवार की ही शाम 5 बजे नितिन गडकरी ने इसे आम लोगों को समर्पित किए जाने की बात कही। उन्होंने इस पर खुशी भी जाहिर की उन्होंने बताया कि डबल डेकर पुल का काम काफी दिनों से अटका हुआ था और इसे पूरा कर लिया गया है। इस पुल का शिलान्यास से पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी ने साल 2002 में किया था। यूपीए सरकार ने काम में देरी की लेकिन साल 2014 में जब मोदी सरकार सत्ता में आए तो उसमें काम को तेजी के साथ आगे बढ़ाया। मुंगेर में बने नए पुल को लेकर सबसे दिलचस्प बात रात तकरीबन 8:30 बजे सामने आई यह जानकारी दी गई कि आज अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर जिस पुल का उद्घाटन किया जाना था उसे अपरिहार्य कारणों से स्थगित कर दिया गया है। बहुत जल्द अत्याधुनिक राष्ट्र को समर्पित किया जाएगा। अलग-अलग बयानों से स्थिति बन गई। हालांकि स्पष्ट हो चुका है इस पुल का उद्घाटन खरमास के बाद किया जाएगा।