1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 23 Jan 2024 08:58:57 AM IST
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PATNA : अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर बने राममंदिर में रामलला के दर्शन की आम लोगों की अभिलाषा आज से पूरी हो सकेगी। प्राण प्रतिष्ठा के बाद मंगलवार को सभी लोगों के लिए मंदिर के कपाट खुल रहे हैं। देशभर में जबरदस्त उत्साह नजर आ रहा है। अयोध्या में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा है। राम मंदिर में रामलला की पूजा का विधान तय हो गया है।
इसके लिए श्री रामोपासना नाम से संहिता बनाई गई है। नियम के तहत सुबह 3 बजे से पूजन और शृंगार की तैयारी हुई। 4 बजे रामलला को जगाया गया। रामलला को हर घंटे फल-दूध का भोग लगेगा। हर दिन डेढ़ लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है, इसे देखते हुए रामलला के दर्शन के लिए हर श्रद्धालु को 15 से 20 सेकंड का ही समय मिलेगा। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की वेबसाइट के मुताबिक, मंदिर को दर्शन के लिए सुबह और शाम साढ़े 9 घंटे खोला जाएगा। सुबह 7 बजे से 11.30 बजे तक और फिर दोपहर 2 बजे से शाम 7 बजे तक दर्शन हो सकेंगे।
वहीं, सुबह की आरती में शामिल होने के लिए पहले से बुकिंग करवानी होगी। शाम की आरती के लिए उस दिन भी बुकिंग हो सकती है। आरती में शामिल होने के लिए पास जारी किए जाएंगे। पास श्रीराम जन्मभूमि के कैंप ऑफिस से मिलेंगे। आरती शुरू होने से आधे घंटे पहले पास मिलेगा। श्रद्धालुओं को पास के लिए सरकारी आईडी प्रूफ साथ ले जाना होगा। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की वेबसाइट पर जाकर भी पास लिया जा सकता है।
आरती पास सेक्शन के सूत्रों के अनुसार, श्रद्धालुओं को पास मुफ्त में जारी किया जाएगा। एक वक्त की आरती के लिए फिलहाल 30 लोगों को ही पास दिया जाएगा। अयोध्या विकास प्राधिकरण ने पर्यटन केंद्रित मोबाइल ऐप तैयार किया है, जिससे श्रद्धालुओं के लिए अयोध्या भ्रमण आसान हो जाएगा। यह ऐप गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है। इसमें अयोध्या के प्रमुख स्थलों, परिवहन, मैप और रुकने के स्थानों की जानकारी होगी। ऐप की 3डी मैप सेवा भविष्य में शहर में अवस्थापना संबंधी हो रहे बदलाव को दिखाएगी। ऐप के अयोध्या के विभिन्न मंदिरों के वर्चुअल दर्शन भी कर सकेंगे।
मंदिर में पूर्वी दिशा से प्रवेश और दक्षिण दिशा से निकासी होगी। मुख्य मंदिर के लिए 32 सीढ़ियां चढ़नी होंगी। मुख्य गर्भगृह में प्रभु श्रीराम का बालरूप (श्रीरामलला सरकार का विग्रह) तथा प्रथम तल पर श्रीराम दरबार होगा। दक्षिण पश्चिमी भाग में नवरत्न कुबेर टीला पर भगवान शिव के प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया है। वहां जटायु प्रतिमा की स्थापना की गई है।