PATNA : बिहार में पंचायतों का मुखिया बुधवार से हड़ताल पर चले गए हैं। राजयभर के मुखिया आज यानी 16 से 31 अगस्त तक सरकारी कार्य का बहिष्कार करेंगे। ये लोग वेतन भत्ते में बढ़ोतरी, सुरक्षा समेत अन्य मांगों को लेकर 16 दिन तक हड़ताल पर रहेंगे। 22 अगस्त को प्रखंड स्तर और 29 अगस्त को जिला मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन भी किया जाएगा।
दरअसल, राज्य में आज ग्राम पंचायतों के मुखिया नीतीश सरकार और केंद्र की मोदी सरकार दोनों के खिलाफ हड़ताल कर रहे हैं। बिहार मुखिया महासंघ के नेतृत्व में यह हड़ताल बुलाई गई है। संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि हड़ताल के पहले चरम में सभी मुखिया सरकारी कामकाजों का बहिष्कार करेंगे। अगर फिर भी सरकार नहीं मानी तो धरना प्रदर्शन किया जाएगा। इसके बाद आगे की रणनीति बनाई जाएगी।
संघ के पदाधिकारियों का कहना है हमारी मांगे साफ़ है। हमारी मांग है कि - पंचायत जनप्रतिनिधियों के वेतन भत्ते में बढ़ोतरी की जाए, केंद्र सरकार 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा पर मिलने वाली राशि मुहैया की जाए। मुखिया की सुरक्षा की गारंटी दी जाए, उन्हें हथियारों का लाइसेंस दी जाए। इसके साथ ही आपराधिक घटनाओं में जनप्रतिनिधियों की मौत पर आश्रितों को 50 लाख रुपये का मुआवजा मिले। मनरेगा में पंचायतों को भुगतान का अधिकार वापस मिले। नल जल योजना का संचालन पीएचईडी की जगह पंचायतों को दिया जाए।
इधर, महासंघ के अध्यक्ष ने अपनी मांगों को लेकर बताया कि केंद्र और राज्य सरकार पंचायतों के अधिकारों पर हनन कर रही है। मुखिया से उनका हक छीना जा रहा है। न तो उनके अनुसार काम हो रहा है और न ही उनकी सुरक्षा की गारंटी दी जा रही है। इसलिए हमारी मांगे केंद्र और राज्य दोनों सरकारों से है। अगर सरकारें हमारी मांगों को पूरा नहीं करती है तो हम आगे आंदोलन करेंगे।