PATNA : करीब डेढ़ साल में ही रामचंद्र प्रसाद सिंह (आरसीपी सिंह) का भाजपा से मोहभंग हो गया है। वो गुरुवार यानी दिवाली के दिन अपनी नई पार्टी का ऐलान करने वाले हैं। बताया जा रहा है कि उन्होंने ये दिन इसलिए चुना है, क्योंकि सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती इसी दिन है। पटना के चाणक्य होटल में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके आज अपनी पार्टी ले नाम का एलान करेंगे।
दरअसल, एनडीए में नीतीश कुमार की वापसी के बाद आरसीपी सिंह कई महीनों से राजनीति में सक्रिय नहीं थे। लेकिन अचानक पटना की सड़कों पर 'टाइगर अभी जिंदा है' वाला पोस्टर लगा। उसके बाद यह चर्चा होने लगी की रामचंद्र प्रसाद सिंह फिर से राजनीति में सक्रिय होने की तैयारी कर रहे हैं। पटना में आरसीपी सिंह के समर्थन में पोस्टर लगाया गया था। इसके बाद सोशल मीडिया पर भी 'टाइगर जिंदा है' का पोस्टर पोस्ट होने लगा।
वहीं, इस निर्णय से पहले आरसीपी सिंह ने फर्स्ट बिहार से बातचीत करते हुए कहा था कि वह अपने कार्यकर्ताओं के साथ विचार विमर्श करके ही निर्णय लिए हैं कि अब नए राजनीतिक दल का गठन किया जाए। उन्होंने कहा था कि वह कुछ दिन और अपने बारे में सोच सकते थे, लेकिन कार्यकर्ताओं का प्रेशर था और कार्यकर्ताओं के मन में इस बात को लेकर आशंका थी कि अब आगे की राजनीति कैसे होगी।
कार्यकर्ताओं के दबाव को देखते हुए उन्होंने भी फैसला किया कि राजनीतिक दल का गठन किया जाए और इसके लिए सबसे उपयुक्त सरदार वल्लभभाई पटेल जयंती के अवसर पर पार्टी के ऐलान का निर्णय लिया है। आरसीपी सिंह ने कहा था कि सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती और दीपावली के दिन बिहार के लोगों के सामने एक विकल्प के रूप में वह राजनीतिक दल का गठन करेंगे, जिसमें बिहार के अलावा झारखंड, दिल्ली, उत्तर प्रदेश के लोग भी दिखेंगे।
जानकारी हो कि आरसीपी सिंह की गिनती जदयू के दूसरे नंबर के नेता में की जाती थी। एक समय था कि नीतीश कुमार के सभी बड़े राजनीतिक फैसले में उनकी भूमिका रहती थी। यही कारण था कि नीतीश कुमार ने उनको पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बनाया। नरेंद्र मोदी की सरकार में कैबिनेट मिनिस्टर बनने को लेकर उनके और जदयू के एक बड़े नेता के बीच में विवाद शुरू हुआ और यह विवाद इतना गहरा हो गया कि उनको राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा।
इसके बाद नीतीश कुमार से उनकी दूरी बढ़ने लगी। नीतीश कुमार ने उनको राज्यसभा ना भेज कर झारखंड के नेता खीरु महतो को राज्यसभा भेज दिया। इसके बाद उन्होंने जदयू से इस्तीफा दे दिया। आरसीपी सिंह मई 2023 में बीजेपी में शामिल हुए थे, जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एनडीए छोड़ दिया था और अगस्त 2022 में महागठबंधन में शामिल हो गए थे। वह जदयू में थे तो पूरा संगठन का काम हुआ देखे थे। अब वह अपनी अलग पार्टी बना रहे हैं, लेकिन उनके अभी भी बीजेपी के बड़े नेताओं से अभी भी अच्छे संबंध हैं। अब देखना है कि बीजेपी के शीर्ष नेताओं से उनके भविष्य में भी अच्छे संबंध रहेंगे या नहीं।