आज दिया जाएगा सूर्य को संध्या अर्घ्य, जानिए अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के नियम

आज दिया जाएगा सूर्य को संध्या अर्घ्य, जानिए अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के नियम

PATNA : लोकआस्था के महापर्व छठ की शुरुआत हो चुकी है और चारों ओर छठ पर्व की धूम देखने को मिल रही है। घर-घर छठी मईया के गीत बज रहे हैं और चूल्हे में ठेकुआ प्रसाद तैयार हो रहा है। 


इस चार दिवसीय छठ पर्व की रोनक ऐसी होती है, जिसमें केवल घर-परिवार के लोग ही नहीं बल्कि आस-पड़ोस के लोग भी रम जाते हैं। छठ पर्व की शुरुआत 17 नवंबर से हो चुकी है और 20 नवंबर को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के बाद छठ पूजा संपन्न हो जाएगा।


मालुम हो कि, उगते हुए सूर्य को तो अन्य दिनों में भी अर्घ्य दिया जाता है, लेकिन छठ एकमात्र ऐसा पर्व है, जिसमें डूबते हुए सूर्य को भी अर्घ्य देने की परंपरा है। यह इस बात का संदेश देता है कि, अस्त के बाद उदय जरूर होता है।


वहीं , इसके पीछे एक मान्यता यह भी है, जिसके अनुसार सूर्य जब अस्त होते हैं तो वह अपनी दूसरी पत्नी प्रत्यूषा (सूर्य की अंतिम किरण) के साथ रहते हैं, जिन्हें अर्घ्य देने से मनोवांछित फल मिलता है। 


उधर, 20 नवंबर 2023 को कार्तिक शुक्ल सप्तमी के दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। इसे ऊषा अर्घ्य या उदीयमान सूर्य अर्घ्य कहा जाता है। इस तरह इन दोनों दिनों में अर्घ्य देने के बाद ही छठ व्रत संपन्न होता है। लेकिन इस बात का विशेष ध्यान रखें कि, छठ पूजा में सूर्य देव को अर्घ्य समय पर दें।