MUNGER: मुंगेर जिला इतिहास के पन्नों पर अपनी एक अलग पहचान रखता है यह जिला जहां एक ओर राजा दानवीर कर्ण की भूमि, सूफी संत पीर नफा शाह की धरती, योग सिटी के रूप में जाना जाता है तो वहीं दूसरी ओर मुंगेर अवैध हथियार निर्माण और उसकी तस्करी के लिए भी बदनाम है। अवैध हथियार निर्माण और उसकी तस्करी को रोकने के लिए जिला पुलिस आए दिन छापेमारी करती है। इसी कड़ी में मुंगेर पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है।
सदर एसडीपीओ राजेश कुमार ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि बाटा चौक के पास कोतवाली थानाध्यक्ष धीरेंद्र पांडे के नेतृत्व में रोको टोको अभियान के तहत वाहन चेकिंग अभियान चलाया जा रहा था तभी पुलिस को देख बाइक सवार तीन लोग भागने लगे। जिसे खदेड़कर पुलिस ने अशोक स्तंभ के पास पकड़ लिया। जब पुलिस ने तीनों की तालाशी ली तो उसके पास से 7 पेन पिस्टल, 14 जिंदा कारतूस, 1.90 लाख रूपया बरामद किया गया।
पुलिस ने तीनों का मोबाइल और बाइक जब्त कर लिया। तीनों की पहचान मुफस्सिल थाना क्षेत्र के मिर्जापुर बरदह गांव निवासी मो. जमशेर उर्फ नफरू, पश्चिम बंगाल के गोपालनगर थाना क्षेत्र के क्षमता मिठुपाड़ा निवासी विलाल मंडल एवं अरमान मंडल के रूप में हुई है। गिरफ्तार अपराधियों में मो. जमशेर उर्फ नफरू कुख्यात हथियार तस्कर है जो पहले भी जेल जा चुका है। उसने बेचने के लिए बहुत पहले ही पेन पिस्टल व उसका कारतूस मंगा रखा था. लेकिन उस हथियार का खरीदार उसे नहीं मिल पा रहा था. जिसके बाद उसने पश्चिम बंगाल के तस्करों से संपर्क किया. इसी हथियार को खरीदने के लिए अरमान मंडल व विलाल मंडल मुंगेर आया था.
हथियार की आपूर्ति बाजार में ही की गयी थी. जिसके बाद जमशेर पश्चिम बंगाल के तस्कर को सुरक्षित स्थान पर ले जा रहा था तभी पुलिस ने उसे दबोच लिया। गिरफ्तार तस्कर ने बताया कि 25 हजार के दर से प्रति पेन पिस्टल की उसने खरीदारी की थी. जिसे लेकर वह शाम में पश्चिम बंगाल ट्रेन से चला जाता. मुंगेर जो हथियारों की मंडी के नाम से जाना जाता है जहां एके 47 से लेकर छोटे हथियार बड़े आराम से मिल जाते है पर अब तक पेन पिस्टल यहां नही मिला था जिसका मिलना अपने आप में एक बड़ी बात है।
इस मामले में आर्म्स एक्सपर्ट अवधेश कुमार ने बताया की पेन पिस्टल काफी घातक हथियार है जो ज्यादातर हाई वैल्यू टारगेट को मारने के काम आता है । यह एक साइलेंट किलर भी है। यह सेकंड वर्ल्ड वॉर के समय अस्तित्व में आया था । जो खुफिया एजेंसी के काम आता था । मुंगेर में इसका मिलना बड़ी बात है पर मुंगेर का बना हुआ यह नहीं है । इसको ऑपरेट करना काफी आसान है । पेन का ढक्कन खोल इसके कारतूस जो साइज में काफी छोटा होता है को डाल । पुस करने के बाद यह फायर हो जाता है। यह एक घातक हथियार है ।