KHAGARIA: बिहार के डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव ने तकरीबन ढ़ाई महीने पहले ये खुला एलान किया था-बिहार में सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था 60 दिनों के अंदर सुधार दी जायेगी. जो नहीं सुधरेंगे उसे वे खुद सुधार देंगे. तेजस्वी यादव की मियाद पूरी होने के बाद की हालत देखिये. बिहार के एक जिले में लगभग 50 महिलाओं को बिना बेहोश किये या एनेस्थीसिया दिये ऑपरेशन कर दिया गया. महिलायें दर्द से बिलबिलाती रहीं तो स्वास्थ्य कर्मचारियों ने उनका हाथ पैर पकड़ कर मुंह में रूई ठूंस दिया. ताकि वे चीख-चिल्ला नहीं सके. ऑपरेशन के बाद कई महिलाओं की हालत खराब है. अब सरकार कह रही है कि हम जांच करा रहे हैं.
ये वाकया खगड़िया जिले में हुआ है. खगड़िया जिले के दो प्रखंडों में सरकार की ओर से महिलाओं के बंध्याकरण ऑपरेशन के लिए कैंप लगाया गया था. दोनों प्रखंडों में सरकारी कैंप में पहुंची महिलायें अपनी आपबीती सुना रही हं. महिलाओं ने बताया कि उन्हें बिना सुन्न किए यानि बगैर एनेस्थीसिया दिए नसबंदी ऑपरेशन कर दिया गया. इस दौरान जब वह दर्द से चिल्लाने लगीं तो उनका मुंह दबाकर बंद कर दिया गया. महिलाओं का कहना है कि सरकार के नसबंदी शिविर में ऑपरेशन का कोई इंतजाम ही नहीं था. एनेस्थीसिया न होने के कारण ऑपरेशन के दौरान मेडिकल स्टॉफ ने महिलाओं के हाथ, पैर कसकर पकड़ लिए और मुंह में रूई ठूंसकर बंद कर दिया ताकि चीख न सकें. इसी अमानवीय तरीके से लगभग 50 महिलाओं का ऑपरेशन किया गया.
सरकार ने एनजीओ को दिया था ठेका
दरअसल खगडिया में महिलाओं के बंध्याकरण ऑपरेशन का ठेका सरकार ने एक एनजीओ को दिया था. एनजीओ सरकारी अस्पतालों में शिविर लगाकर नसबंदी आपरेशन कर रही है. इसी दौरान खगड़िया जिले के परबत्ता और अलौली स्वास्थ्य केंद्र में ये हैवानी वाकये सामने आये हं. 11 नवंबर को परबत्ता स्वास्थ्य केंद्र में नसबंदी के लिए आय़ी महिलाओं को आपरेशन के लिए भेड़-बकरी की तरह फर्श पर ही लिटा दिया गया. अस्पातल के फर्श पर महिलाओं का ऑपरेशन किया गया. गंदे फर्श पर महिलाओं को सुलाकर ऑपरेशन किया गया, इसके बाद कई महिलाओं को इंफेक्शन होने की खबर आ रही है.
इससे भी बड़ा वाकया 12 नवंबर को अलौली स्वास्थ्य केंद्र में हुआ जहां 23 महिलाएं नसबंदी कराने आई. सरकार ने इसका ठेका एनजीओ ग्लोबल डवलपमेंट इनिसिएटिव, दरभंगा को दिया था. यहां बंध्याकरण ऑपरेशन के लिए आयी महिलाओं का आरोप है कि बिना बेहोश किये ही आपरेशन कर दिया गया. महिलाओं के मुताबिक स्वास्थ्य कर्मियों ने हाथ-पांव जकड़ दिया और आपरेशन कर दिया. अलौली की कुमारी प्रतिमा ने बताया कि बेहोश नहीं किया गया. चार आदमी ने हाथ-पैर पकड़ लिया, मुंह में रूई ठूंस दी गयी और आपरेशन करा दिया.
खगड़िया में ये हैवानियत सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने लीपापोती का इंतजाम भी शुरू कर दिया. अलौली स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डा. मनीष कुमार ने कहा कि इस तरह की शिकायत अलौली की कुमारी प्रतिमा ने की है. मैंने और सिविल सर्जन ने उनसे भेंट कर ली है. वे ठीक हैं. यानि एनजीओ का कुकृत्य रफा-दफा.
मामले के तूल पकड़ने के बाद खगड़िया के स्वास्थ्य अधिकारियों को लगा कि बात बड़ी हो गयी है. लिहाजा अब जांच के दिखावे की कार्रवाई हो रही है. सिविल सर्जन डॉ अमरनाथ झा ने कहा कि इस मामले में अलौली स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी से स्पष्टीकरण पूछा गया है. जिस एनजीओ को नसबंदी आपरेशन का ठेका मिला था, उस एनजीओ का अनुबंध रद किया जा रहा है. परबत्ता के मामले में वहां के बीसीएम की लापरवाही सामने आई है. आवश्यक कार्रवाई की जा रही है.