PATNA : औरंगाबाद में बिहार पुलिस से के दारोगा बीरेंद्र तिवारी की मौत के बाद हड़कंप मचा हुआ है। बीरेंद्र तिवारी की उम्र 58 साल थी और कई बीमारियों से ग्रसित होने के बावजूद उनकी ड्यूटी क्वारंटाइन सेंटर में लगा दी गई थी। सरकार ने 55 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए स्पष्ट तौर पर गाइडलाइन जारी कर रखा है। पुलिस मुख्यालय ने अपने निर्देश में साफ कहा है कि 55 साल से ऊपर के पुलिस वालों की ड्यूटी कोरोना बीमारी से लड़ने वाले मोर्चों पर नहीं लगेगी बावजूद इसके दारोगा बीरेंद्र तिवारी की ड्यूटी क्वारंटाइन सेंटर में लगाई गई।
दारोगा बीरेंद्र तिवारी की मौत शनिवार को हो गई थी और सोमवार को उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। मंगलवार को यह खबर सामने आने के बाद औरंगाबाद से लेकर पुलिस मुख्यालय तक अफरा-तफरी मची रही। शूगर सहित अन्य बीमारियों से पीड़ित दारोगा बीरेंद्र तिवारी को हसपुरा उच्च विद्यालय क्वॉरेंटाइन सेंटर में तैनात किया गया था हालांकि उनकी पोस्टिंग खुदवां थाने में थी। बीरेंद्र तिवारी बक्सर के बैरी गांव के रहने वाले थे।
58 साल के दारोगा बीरेंद्र तिवारी की ड्यूटी किन परिस्थितियों में क्वारंटाइन सेंटर में लगाई गई इसे लेकर पुलिस मुख्यालय अब औरंगाबाद एसपी को शो कॉज करने की तैयारी में है। पुलिस मुख्यालय इस मामले को लेकर बेहद गंभीर है और दारोगा की ड्यूटी को लेकर अब औरंगाबाद एसपी से वह पूछताछ करेगा।