PATNA: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक जीतन राम मांझी कल दिल्ली में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन करेंगे। इसे लेकर उन्होंने देश के तमाम दलित सांसदों को पत्र के माध्यम से आमंत्रित किया है। दरअसल पिछले दिनों बिहार विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जीतन राम मांझी के लिए आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था। इस बात से जीतन राम मांझी काफी आहत हैं। उन्होंने इसे दलितों के ऊपर प्रहार बताया है।
उन्होंने बताया कि आज एक बड़ा प्रश्न हम लोगों के समक्ष जस का तस खड़ा दिखाई दे रहा है। आजादी के 76 वर्षों के बाद भी भारत रत्न बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर के द्वारा संविधान में अधिकार देने के बावजूद बाबा साहब के लोगों को अपमान झेलना पड़ रहा है। जीतन राम मांझी ने कहा कि आप सबों के संज्ञान में होगा कि बिहार विधानसभा दशम सत्र दिनांक-09.11.2023 को द्वितीय पाली में अनुसूचित जाति/ जनजाति आरक्षण के संदर्भ में अपनी बात रखना प्रारंभ ही किया था कि उसी बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा बिहार विधानसभा में जिस तरह से मेरे ऊपर अपमाजनक शब्दों का इस्तेमाल और सार्वजनिक रूप से दुर्व्यवहार किया गया उसको किस रूप में देखा जाय?
उसके एक दिन पहले बिहार विधानसभा में ही महिलाओं के प्रति गंदी मानसिकता से अभद्र बात उनके द्वारा की गई यह भी आपके संज्ञान में होगा। तत्पश्चात बिहार सरकार के माननीय मंत्री, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग रत्नेश सदा जी के साथ उनकी ही पार्टी के द्वारा आयोजित कार्यक्रम 'भीम संसद' में उसी तरह का व्यवहार नीतीश कुमार के द्वारा की गई। उनके ऐसे व्यवहार और फिर उनके साथ के लोगों की चुप्पी बेहद खेदजनक प्रतीत होता है।
खासतौर पर जो I.N.D.I. A गठबंधन के शीर्ष नेताओं की चुप्पी है वह बहुत ही चिंताजनक है। ऐसा लगता है कि इस मुद्दे पर उन सबों की सहमति है। इसलिए आवश्यकता महसूस कर रहा हूँ कि ऐसी मानसिकता वाले लोगों को जनता के बीच और हमारे पूर्वजों, जिनके बल पर हमको सदियों से झेल रहे ऐसे सामाजिक दंश से मुक्ति मिली उनके बीच जाऊँ।
इसी कड़ी में दिनाक 05-12-2023 (मंगलवार) को राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी की समाधिस्थल "राजघाट" पर सुबह 10 बजे पूर्वाहन पर प्रार्थना करके 11:00 बजे पूर्वाहन से जंतर मंतर पर एक धरना का कार्यक्रम आयोजित किया गया है। अत: आपसे भी अनुरोध है कि इस मुद्दे पर दलीय भावनाओं से ऊपर उठकर बाबा साहब के लोगों और देश की महिलाओं के सम्मान की रक्षा हेतू अपना समर्थन देने का विचार करेंगे। ताकि हम ऐसे मानसिकता वाले लोगों को एक माकूल जबाब भी दे सकें एवं अनुसूचित जाति-जनजाति एवं समस्त महिलाओं के आत्मसम्मान को जागृत रख सकें एवं संबल प्रदान कर सके।