36 सेंकेंड के वीडियो में 8 दफे गाली देने वाले IAS अधिकारी के.के. पाठक ने खेद जताया, लेकिन बासा के सामने झुकेंगे नहीं

36 सेंकेंड के वीडियो में 8 दफे गाली देने वाले IAS अधिकारी के.के. पाठक ने खेद जताया, लेकिन बासा के सामने झुकेंगे नहीं

PATNA: बिहार के सीनियर आईएएस अधिकारी के.के. पाठक के एक वायरल वीडियो ने आज बिहार के प्रशासनिक और राजनीतिक हलके में खलबली मचा दिया था. इस वीडियो में के.के. पाठक बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को गाली देते दिख रहे थे. वीडियो के वायरल होने के बाद बिहार प्रशासनिक सेवा संघ ने इसे मुद्दा बनाते हुए के.के. पाठक के खिलाफ मुहिम छेड़ दी थी. अब के.के. पाठक ने अपनी बातों पर खेद जताया है लेकिन बिहार प्रशासनिक सेवा संघ यानि बासा के सामने नहीं झुकने का भी एलान कर दिया है।


बिहार सरकार के मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव औऱ प्रशासनिक अधिकारियों के प्रशिक्षण संस्थान बिपार्ड के डीजी के.के. पाठक की ओर से खेद जताने वाला पत्र बिपार्ड की ओर से जारी किया गया है. इस पत्र में कहा गया है कि बिहार प्रशासनिक सेवा संघ यानि बासा के पदाधिकारी एवं इनके संघ द्वारा लगातार अपने आप को श्रेष्ठ एवं व्यवस्था से उपर दिखलाने का प्रयास किया जा रहा है. प्रशासकीय विषय को बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारी और वासा ने एक हथियार बनाकर बिपार्ड की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया है. लेकिन बिपार्ड बिहार के अधिकारियों को सही तरीके से प्रशिक्षित करने का काम करता रहेगा।


पढिये क्या लिखा है माफीनामा में 

बिपार्ड की ओऱ से जारी पत्र में कहा गया है कि के.के. पाठक की मीटिंग के दौरान का विडियो जो कि विभिन्न मिडिया चैनल एवं सोशल मिडिया पर वायरल है, के संबंध में बिपार्ड की ओर स्पष्ट करना है कि ये विडियो पहले का है. यह बिहार निबंधन सेवा के पदाधिकारियों के साथ की जा रही बैठक का वीडियो है. बैठक में  बिहार निबंधन सेवा के पदाधिकारियों ने प्रशिक्षण के दौरान बिहार प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षु पदाधिकारियों द्वारा किए गए अर्मायादित व्यवहार के संबंध में शिकायत दर्ज की गई थी. इसके बाद तत्क्षण महानिदेशक के.के. पाठक के मुख से असंदर्भित कुछ शब्द निकल गए. इस पर महानिदेशक द्वारा खेद प्रकट कर दिया गया है।


बिपार्ड ने बिहार प्रशासनिक सेवा संघ के कारनामों की पूरी जानकारी भी दी है. खेद जताने के लिए जारी प्रेस विज्ञप्ति में गया है कि नवनिमिर्त्त बिपार्ड, गया परिसर में बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारियों का प्रशिक्षण 02 अक्टूबर 2022 से शुरू हुआ था. प्रशिक्षण के दौरान अनुशासन पर विशेष ध्यान रखा जाता है जो किसी भी प्रशिक्षण का अभिन्न हिस्सा होता है. लेकिन शुरू से ही बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारियों द्वारा अमार्यादित व्यवहार  किया गया और अनुशासन तोड़ने का लगातार प्रयास किया गया।


बिपार्ड में प्रशिक्षण के दौरान ग्रुप 'डी', एल०डी०सी० से लेकर भारतीय प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षण के अभिन्न अंग के रूप में पी०टी० एवं योगा क्लास शामिल है. लेकिन बिहार प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षु पदाधिकारी द्वारा इसका विरोध किया जा रहा था. बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारी मेस स्टॉफ, हाउसकीपिंग स्टॉफ, संकाय सदस्य यहाँ तक की सहायक सत्र समन्वयक के साथ भी सही व्यवहार नहीं कर रहे थे।


इसी बीच नवम्बर महीने में बिहार पंचायत राज सेवा के प्रशिक्षु पदाधिकारियों का प्रशिक्षण प्रारंभ हुआ जिसमें बिहार प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षु पदाधिकारियों के द्वारा अपने को उच्चतर सेवा का बतलाते हुए बिहार पंचायत राज सेवा के प्रशिक्षु पदाधिकारियों के साथ मेस में एक साथ भोजन करने से मना कर दिया गया और विरोध जताया गया. इससे पहले बिपार्ड, पटना में बिहार प्रशासनिक सेवा के पूर्ववर्ती बैच के पदाधिकारियों ने बिहार निबंधन सेवा के पदाधिकारियों के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार किया था।


नवम्बर महीने में बिपार्ड प्रशिक्षण के तहत भारतीय प्रशासनिक सेवा, बिहार प्रशासनिक सेवा और बिहार शिक्षा सेवा के पदाधिकारियों को ट्रैकिंग के लिए बिहार के बाहर भेजा गया था. बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारियों को ट्रैकिंग हेतु उत्तराखण्ड भेजा गया था. जिसमें SOP के अनुरूप प्रक्रिया अपनाई गई थी. ट्रैक द हिमालया प्रोफेशनल एजेंसी के माध्यम से ट्रैकिंग करवाई गई थी. इस दौरान एक प्रशिक्षु पदाधिकारी का निधन हो गया था. जिसमें बिपार्ड की कोई गलती नहीं थी।


लेकिन ट्रैकिंग से वापस लौटने पर बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारियों ने IIM अहमदाबाद से आये हुए फैकल्टी का अनुशासन के विरूद्ध जाकर बहिष्कार कर दिया था. इस पूरे प्रकरण को बिहार प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षु पदाधिकारी एवं बासा संघ ने एक हथियार के रूप में प्रयोग करते हुए मिडिया में जाकर बिपार्ड के प्रशिक्षण एवं महानिदेशक के विरूद्ध अमार्यादित एवं असंसदीय भाषा का प्रयोग किया था जो निन्दनीय है।


बिहार प्रशासनिक सेवा के रवैये को देखते हुए महानिदेशक के.के. पाठक ने बिपार्ड के अनुशासन को बनाए रखने के लिए बिहार प्रशासनिक सेवा के प्रक्षिक्षण को 9 दिसंबर को बीच में ही रोक दिया था और सभी प्रशिक्षु पदाधिकारियों को जिलों में वापस कर दिया गया. लेकिन सरकार से फिर से आदेश मिलने के बाद  प्रशिक्षण को 1 जनवरी, 2023 से शुरू किया गया था. इस बीच जनवरी महीने में मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने बिहार निबंधन सेवा संघ और बिहार प्रशासनिक सेवा संघ का निबंधन उचित प्रक्रिया के तहत रद्द कर दिया।


बिपार्ड की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस पूरे घटनाक्रम से स्पष्ट है कि एक ओर जहाँ प्रशिक्षण एवं विकास के क्षेत्र में बिपार्ड की कोशिशों से बिहार का और उनके संघ द्वारा प्रशिक्षण में हो रहे नये प्रयोग का विरोध किया जा रहा है. बासा के पदाधिकारी और उनके संघ द्वारा लगातार अपने आप को श्रेष्ठ एवं व्यवस्था से उपर दिखलाने का प्रयास किया जाता रहा है. विशुद्ध प्रशिक्षण एवं प्रशासकीय विषय को बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारी एवं वासा संघ ने एक हथियार बनाकर बिपार्ड की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया है जो कि निन्दनीय है. बिपार्ड राष्ट्रीय स्तर पर प्रशिक्षण के क्षेत्र में एक अपना विशिष्ट स्थान प्राप्त करने की ओर बढता रहेगा.