DELHI: केंद्र सरकार ने बुधवार को राष्ट्रीय लोक जनता दल के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को जेड सेक्योरिटी देने का एलान किया है. इससे पहले उपेंद्र कुशवाहा को वाई सेक्योरिटी हासिल थी. लेकिन केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय ने उपेंद्र कुशवाहा पर खतरे को देखते हुए उन्हें जेड सेक्योरिटी देने का फैसला लिया है. जेड श्रेणी की सुरक्षा मिलने के बाद उपेंद्र कुशवाहा 24 घंटे केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के ट्रेंड कमांडों और बेहद आधुनिक हथियारों के घेरे में रहेंगे. हम आपको बताते हैं कैसी होगी उनकी सुरक्षा व्यवस्था.
दरअसल केंद्र सरकार महत्वपूर्ण लोगों पर खतरे की आशंका के मद्देनजर चार तरह का सेक्योरिटी कवर देती है. ये हैं एक्स, वाई, जेड और जेड प्लस. जेड प्लस सुरक्षा सबसे ज्यादा खतरे वाले लोगों को दी जाती है. लेकिन जेड श्रेणी की सुरक्षा भी काफी सख्त होती है. सीआरपीएफ, सीआईएसएफ जैसी केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के कमांडो जेड श्रेणी में आने वाले लोगों की सुरक्षा का जिम्मा संभालते हैं.
उपेंद्र कुशवाहा की कैसी होगी सुरक्षा?
केंद्र सरकार ने उपेंद्र कुशवाहा को जेड श्रेणी की सुरक्षा दी है. केंद्रीय गृह मंत्रालय के सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक उपेंद्र कुशवाहा अब 33 जवानों के सुरक्षा घेरे में रहेंगे. कुशवाहा के घर की सुरक्षा के लिए 10 हथियारबंद जवान तैनात होंगे. इसके अलावा उनकी 24 घंटे सुरक्षा के लिए चार-चार जवान यानि 12 कमांडो तीन शिफ्ट में उनके साथ तैनात रहेंगे. हर शिफ्ट में दो सुरक्षा अधिकारी भी उपेंद्र कुशवाहा के साथ रहेंगे. ये सुरक्षा अधिकारी सादे कपडे में रहेंगे और वाचर का काम करेंगे. उनका काम होगा उपेंद्र कुशवाहा के पास पहुंच रहे लोगों पर नजर रखना.
जेड श्रेणी की सुरक्षा मिलने के बाद कुशवाहा के काफिले के आगे एस्कॉर्ट गाड़ी चलेगी. वहीं उनके काफिले के लिए तीन खास तौर पर ट्रेंड किये गये ड्राइवरों की भी तैनाती की जायेगी. बता दें कि बिहार में फिलहाल चिराग पासवान को जेड श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई है. लेकिन उपेंद्र कुशवाहा को उनसे भी ज्यादा सुरक्षा में रखा जायेगा.
Z कैटेगरी की सुरक्षा के लिए तैनात कमांडोज के पास सबसे आधुनिक हथियार के साथ-साथ और वॉकी-टॉकी से लेकर संचार के दूसरे बेहद आधुनिक साधन होते हैं. उनके पास व्यवस्था होती है कि वे किसी किस्म की दुर्घटना होने पर तत्काल इसकी खबर उपर तक पहुंचा सकते हैं. इस कैटेगरी में तैनात किए जाने वाले कमांडोज मार्शल ऑर्ट सीखे हुए होते हैं. समय पड़ने पर वे बिना हथियार के भी लड़ने का हुनर रखते हैं.