26 दिसंबर 2024: सफला एकादशी और शनिदेव के नक्षत्र परिवर्तन से इन 2 राशियों को होगा लाभ

26 दिसंबर 2024: सफला एकादशी और शनिदेव के नक्षत्र परिवर्तन से इन 2 राशियों को होगा लाभ

वैदिक पंचांग के अनुसार, 26 दिसंबर 2024 को सफला एकादशी का व्रत रखा जाएगा। यह एकादशी पौष माह के कृष्ण पक्ष की तिथि को मनाई जाती है। इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। श्रद्धालु व्रत रखकर भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। मान्यता है कि इस व्रत को करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।


इस बार सफला एकादशी के अगले दिन, 27 दिसंबर को शनिदेव का नक्षत्र परिवर्तन हो रहा है। शनिदेव के इस परिवर्तन से विशेष रूप से कुंभ राशि और मीन राशि के जातकों को लाभ प्राप्त होगा।


शनिदेव का नक्षत्र परिवर्तन

तिथि: 27 दिसंबर 2024

नक्षत्र गोचर: शनिदेव पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में प्रवेश करेंगे।

महत्ता: शनिदेव का यह गोचर कुंभ और मीन राशि के जातकों को विशेष फल देगा।


कुंभ राशि:

वर्तमान में कुंभ राशि के जातकों पर शनि की साढ़े साती का दूसरा चरण चल रहा है। शनिदेव के पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में गोचर करने से कुंभ राशि के जातकों को विशेष लाभ मिलेगा।

लाभ के प्रमुख क्षेत्र:

करियर और व्यवसाय: कार्यक्षेत्र में सफलता मिलेगी और कारोबार में तेजी आएगी।

बाधाओं का समाधान: रुके हुए काम पूरे होंगे।

सफलता और उन्नति: शनि की कृपा से सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी और भविष्य में उन्नति के अवसर प्राप्त होंगे।

सुख और समृद्धि: आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और पारिवारिक जीवन में सुख-शांति बनी रहेगी।


मीन राशि:

मीन राशि के जातकों पर वर्तमान समय में शनि की साढ़े साती का पहला चरण चल रहा है। शनिदेव के नक्षत्र परिवर्तन से मीन राशि के जातकों को भी लाभ होगा।

लाभ के प्रमुख क्षेत्र:

बड़े कार्यों में सफलता: विशेष कार्यों में सफलता मिलेगी।

बिगड़े काम होंगे पूरे: लंबे समय से रुके हुए कार्य पूर्ण होंगे।

स्वास्थ्य में सुधार: हालांकि सेहत का विशेष ख्याल रखने की आवश्यकता है।

भविष्य की योजनाएं: योजनाओं पर सोच-समझकर निर्णय लें और बड़े-बुजुर्गों की सलाह अवश्य लें।


सफला एकादशी का महत्व

सफला एकादशी पर व्रत करने और भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने से सभी संकटों का नाश होता है और सुख-समृद्धि का आगमन होता है।


पूजा विधि:

प्रातः स्नान करके व्रत का संकल्प लें।

भगवान विष्णु को तुलसी दल, पीले फूल और मिष्ठान अर्पित करें।

"ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" मंत्र का जप करें।

सफला एकादशी की कथा का श्रवण करें।

रात्रि जागरण और श्रीहरि की आरती करें।


26 दिसंबर को सफला एकादशी के पावन पर्व पर भगवान विष्णु की पूजा करें और व्रत रखें। अगले दिन 27 दिसंबर को शनिदेव का नक्षत्र परिवर्तन कुंभ और मीन राशि के जातकों के लिए शुभ फलदायक रहेगा। इस परिवर्तन से करियर, व्यवसाय और जीवन के अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सफलता मिलने की संभावना है।