25 फरवरी को कैमूर आएंगे किसान नेता राकेश टिकैत, महापंचायत में सुधाकर सिंह भी होंगे शामिल

25 फरवरी को कैमूर आएंगे किसान नेता राकेश टिकैत, महापंचायत में सुधाकर सिंह भी होंगे शामिल

KAIMUR: बिहार के लिए 25 फरवरी काफी खास दिन हैं। इस दिन पूर्णिया के रंगभूमि मैदान में 25 फरवरी को महागठबंधन की बड़ी रैली होने वाली है। उसी दिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की बिहार में दो जगहों पर कार्यक्रम है। वाल्मिकिनगर में लोकसभा कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करने के बाद उसी दिन पटना के बापू सभागार में अमित शाह किसा मजदूर समागम को संबोधित करेंगे। वही किसान नेता राकेश टिकैत भी 25 फरवरी को बिहार आ रहे हैं। कैमूर में आयोजित किसानों के महापंचायत में वे शामिल होंगे। इस मौके पर बिहार के पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह भी किसानों के महापंचायत में शिरकत करेंगे।  


कैमूर में भारतमाला एक्सप्रेस वे निर्माण को लेकर किसानों के जमीन अधिग्रहण में किए जा रहे शोषण को लेकर कैमूर में 25 और 26 फरवरी को राकेश टिकैत की होने वाली महापंचायत का सुधाकर सिंह समर्थन करेंगे। पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने प्रेस वार्ता कर इस बात की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किसानों के हित के लिए कई मांगे रखी गई है जिसमें जमीन अधिग्रहण का उचित मुआवजा और लिंक रोड का निर्माण शामिल है।


बिहार सरकार के पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने बुधवार को भभुआ मुख्यालय में प्रेस वार्ता करते हुए बताया की किसान नेता राकेश टिकैत का बिहार आगमन होने जा रहा है जो किसान के समर्थन में 25 फरवरी 2030 को चांद और 26 फरवरी 2030 को भभुआ जिला मुख्यालय में आयोजित विशाल किसान महापंचायत में भाग लेंगे और किसानों को संबोधित करेंगे। जिसे लेकर हम लोग तैयारी में जुटे हैं और पूरे जिले में जनसंपर्क के माध्यम से किसान भाइयों को आमंत्रित कर रहे हैं। किसानों को इस महापंचायत में शामिल होकर आंदोलन को सफल बनाने की बात कही है।


सुधाकर सिंह ने किसानों से कहा कि किसान महापंचायत को मजबूती प्रदान करें। यह आंदोलन जन आंदोलन है। इसमें सभी का साथ और सहयोग जरूरी है। देश को चलाने वाले किसानों को न्याय दिलाने का एक सकारात्मक प्रयास किया जा रहा है। इसलिए किसान भाईयों से सुधाकर सिंह ने यह अपील है कि आप सभी इस आंदोलन के सहभागी बने।


वही आगे पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग 219 वाराणसी कोलकाता एक्सप्रेस-वे के निर्माण में जिन किसानों की भूमि सरकार अधिग्रहण कर रही है। उचित मूल्य पर लेना चाहिए सरकार को मुआवजा के तौर पर कम से कम बाजार मूल्य जो किसान भाइयों का वाजिब हक है वह मिलना चाहिए लेकिन सरकार और उनके कर्मचारियों की मंशा ठीक नहीं है। बाजार मूल्य तो छोड़िए यह सरकार वाजिब मूल्य भी ना देकर वर्षों पुराना मूल्य निर्धारित कर जबरन जमीन कब्जा करने की फिराक में है। जिन किसानों का भी जमीन अधिग्रहण किया जा रहा है उन्हें उचित मुआवजा मिले और मंडी कानून बिहार में लागू हो।