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DELHI: एक शख्स 19 साल से देसी विमान बनाने का प्रयास कर रहा था. आखिर वह इस मुकाम में सफल हो गया. इसको लेकर आर्थिक संकट सामने आई तो मां ने बेटे के सपना सकार करने के लिए अपना जेवर तक बेच दिया. यही नहीं भाई ने अपना घर गिरवी रख दिया. लेकिन अंत में शख्स सफल हो गया. वह दिन में नौकरी करता और रात में विमान बनाता था.
खुद भी हैं पायलट
विमान बनाने वाले अमोल यादव मुंबई के रहने वाले हैं. वह कमर्शियल पायलट भी हैं. अमोल जब अमेरिका में ट्रेनिंग लेकर देश लौटे तो विमान खरीद के बारे में जानकारी लिए तो पता चला कि देश में विमान बनता ही नहीं है. तब उन्होंने अपने देश में विमान बनाने का ख्याल आया. जिसके बाद वह इसके प्रयास में लग गए. जब सफल हुए तो सबसे बड़ी परेशानी सामने आई की उनके विमान को उड़ाने के लिए डीजीसीए ने उड़ाने भरने की अनुमति नहीं दी. आठ साल के बाद अब उड़ाने की मंजूरी मिली है.
पीएम से की मुलाकात, काम की तारीफ
पीएम नरेंद्र मोदी ने अमोल को दिल्ली बुलाया और मुलाकात की. काम की जमकर तारीफ की और पूछा कि क्या सपना साकार हुआ तो अमोल ने कहा कि सर मेरा ही नहीं यह मेरे परिवार का भी सपना सकार हुआ है. अमोल ने बताया कि अगर उड़ान सफल हुआ तो जरूरत के हिसाब से हल्के और सस्ते विमान का देश में निर्माण शुरू हो जाएगा.
5 करोड़ से अधिक कर चुके है खर्च
अमोल ने बताया कि वह 19 साल के प्रयास में 5 करोड़ रुपए से अधिक खर्च कर चुके है. यही नहीं वह इस काम में 2 बार बिफल भी रहे है. 2003 में उन्होंने दो विमान बनाया था. यह तीसरा विमान भी बना रहे है. विमान के पार्ट्स विदेश से मंगाकर यह सब बनाया है. वह खुद पाइलट भी है. अमोल के विमान को अनुमति मिल गई है. लेकिन उड़ान से पहले डीजीसीए 40 घंटे की जांच करेगा.