DESK: उत्तरकाशी टनल से इस वक्त की बड़ी खबर सामने आ रही है। टनल रेस्क्यू ऑपरेशन में रैट माइनर्स बड़ी सफलता हाथ लगी है। सुरंग में फंसे 41 मजदूरों में से 33 मजदूरों को एनडीआरएफ की टीम ने बाहर निकाल लिया है। पाइप के माध्यम से इन मजदूरों को सुरंग से बाहर निकाला गया है। सुरंग से बाहर निकलने के बाद मजदूरों को पहले चाय पिलाया गया फिर इन मजदूरों को एम्बुलेंस से अस्पताल ले जाया गया है।
मजदूरों के बाहर निकते ही वहां मौजूद लोग भारत माता की जय के नारे लगाने लगे। मजदूरों के सुरंग से बाहर निकलते ही वहां मौजूद परिजन काफी खुश दिखे। उनकी खुशी का ठिकाना नहीं था। पाइप के सहारे निकले मजदूरों को देख उनके आंखों में खुशी की आंसू आ गये। वही एक-एक करके मजदूरों को पाइप के जरीये सुरंग से बाहर निकाला जा रहा है। उम्मीद जतायी जा रही है कि एक घंटे के भीतर बचे मजदूरों को भी सुरंग से निकाल लिया जाएगा। वही मौके पर केंद्रीय मंत्री वीके सिंह और उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी मौजूद हैं।
उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों में से 33 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। एनडीआरएफ की टीम ने पाइप के सहारे इन मजदूरों को सुरंग से बाहर निकाला है। इस सभी को एम्बुलेंस से अस्पताल ले जाया गया है।
बता दें कि 41 मजदूर 16 दिन से सुरंग में फंसे हुए थे। जिन्हें निकालने के लिए कड़ी मशक्कत की गयी और आखिरकार इसमें सफलता मिल ही गयी। मौके पर मौजूद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय मंत्री वीके सिंह मजदूरों से मिले और उनके हालात का जायजा लिया। जिसके बाद सभी को एम्बुलेंस से अस्पताल पहुंचाया गया है। सभी की हालात सामान्य है।
गौरतलब है कि बीते 12 नवंबर को कई मजदूर टनल के काम में लगे थे। तभी सुबह के साढ़े पांच बजे अचानक भूस्खलन होने से निर्माणाधीन टनल का 60 मीटर हिस्सा धंस गया। इस दौरान कई मजदूर तो किसी तरह बाहर निकल गये लेकिन 41 मजदूर सुरंग के अंदर फंस गये। उत्तरकाशी की सिलक्यारा टनल में खुदाई का काम पूरा होने में 17 दिन लग गये। मजदूरों के सुरक्षित बाहर निकलने के लिए देशभर में पूजा-अर्चना की गयी और दुआएं मांगी गयी। लोगों की दुआएं भगवान ने सुन ली है अब तक 33 मजदूरों को सुरंग से बाहर निकाल लिया गया है।
सुरंग में फंसे 41 मजदूरों में सबसे ज्यादा झारखंड के 15 मजदूर फंसे हैं। वही उत्तर प्रदेश के 8, बिहार के 5, ओडिशा के 5, पश्चिम बंगाल के 3, असम के 2, उत्तराखंड के 2 और हिमाचल प्रदेश के 1 मजदूर शामिल हैं। झारखंड के मजदूरों की पहचान गणपति, विजय होरो, चमरा उरांव, मुदतू मुर्मू, महादेव, समीर, रविन्द्र, रणजीत, गुनोधर, टिंकू सरदार, सुकराम, श्राजेद बेदिया, अनिल बेदिया, सुबोध कुमार और विश्वजीत कुमार के रूप में हुई है।
वही बिहार के मजदूरों की पहचान सबाह अहमद, सोनू शाह,वीरेंद्र किसकू, सुशील कुमार और दीपक कुमार के तौर पर हुई है। वही ओडिशा के मजदूरों की पहचान विशेषर नायक, राजू नायक, धीरेन, भगवान बन्ना और सपन मंडल जबकि उत्तर प्रदेश के मजदूरों की पहचान अखिलेश कुमार, अंकित, राम मिलन, सत्यदेव, जय प्रकाश, मंजीत के रूप में हुई है। उत्तराखंड के गब्बर सिंह नेगी और राम सुंदर और पश्चिम बंगाल के मनिर तालुकदार, सेविक पखेरा, जयदेव परमानिक के रूप में पहचान हुई है।