14 महीने जूते घिसने के बाद प्रशांत किशोर को हकीकत का अहसास हुआ? अब कांग्रेस के साथ जाने को तैयार, क्या राहुल गांधी करायेंगे एंट्री

14 महीने जूते घिसने के बाद प्रशांत किशोर को हकीकत का अहसास हुआ? अब कांग्रेस के साथ जाने को तैयार, क्या राहुल गांधी करायेंगे एंट्री

PATNA: पिछले साल अक्टूबर से ही बिहार के गांव-गांव की पदयात्रा कर रहे प्रशांत किशोर को क्या हकीकत का अहसास हो गया है. उनकी बातों से ऐसा ही लग रहा है. बिहार बदलने के लिए भाजपा से लेकर राजद-जेडीयू-कांग्रेस के गठबंधन को 14 महीने तक लोगों के सामने कोसने के बाद अब प्रशांत किशोर ने कहा है-मेरी विचारधारा कांग्रेस के करीब है. अब आगे कांग्रेस को तय करना है.


बता दें प्रशांत किशोर बिहार में जनसुराज अभियान के तहत पदयात्रा कर रहे हैं. पिछले साल के 2 अक्टूबर से ही वे पदयात्रा पर निकले हुए हैं. इस दौरान वे लोगों को बता रहे थे कि बिहार में अब तक जितने दलों ने राज किया, सबने जनता के साथ धोखा किया. उन दलों में कांग्रेस, राजद, जेडीयू से लेकर भाजपा तक शामिल है. लेकिन अब प्रशांत किशोर ने यू-टर्न मारने जैसी भाषा का प्रयोग किया है.


एक अंग्रेजी चैनल को दिए इंटरव्यू में प्रशांत किशोर ने कांग्रेस से जुड़ने की इच्छा जता दी. प्रशांत किशोर ने कहा कि उनकी विचारधारा बहुत हद तक कांग्रेस जैसी है. कांग्रेस जिस विचारधारा पर चल रही है, वे भी उसी के आसपास हैं. सवाल पूछा गया कि क्या वे कांग्रेस में जायेंगे. प्रशांत किशोर ने कहा कि अब कांग्रेस को तय करना है कि आगे क्या होगा. मैं उसी विचारधारा पर काम कर रहा हूं, जो कमोबेश कांग्रेस की विचारधारा है.


पार्टी नहीं बनायेंगे

कांग्रेस के साथ जुड़ने का इच्छा जाहिर करने वाले प्रशांत किशोर ने कहा कि उनका कोई इरादा अभी पार्टी बनाने का नहीं है. लोकसभा चुनाव से पहले नई पार्टी बनाने से पीके ने साफ इनकार किया है. उन्होंने कहा कि अगर जनसुराज से जुड़ा कोई व्यक्ति अगर चुनाव लड़ना चाहता है, तो वे उसका समर्थन करेंगे. प्रशांत किशोर ने दावा किया कि उन्होंने बिहार में अपनी ताकत दिखा दी है. एमएलसी के चुनाव में उन्होंने जनसुराज अभियान से जुड़े प्रत्याशी को सारण सीट से जीत दिलवा दिया. वो इलाका बीजेपी का गढ़ था, लेकिन वहां से जनसुराज से जुड़े मुस्लिम उम्मीदवार ने जीत हासिल की.