ब्रेकिंग न्यूज़

Sukma: IED ब्लास्ट में 3 जवान शहीद, 3 के घायल होने की सूचना Sushant Kushwaha viral: शादी छोड़ कर मॉक ड्रिल में शामिल हुआ दूल्हा... पूर्णिया के सुशांत कुशवाहा की देशभक्ति वायरल! Bihar Crime News: तीखी बहस और ठोक दी गोली, भाई ने ही ले ली भाई की जान Giriraj Singh on Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर पर बोले गिरिराज; सेना ने मां-बहनों के सिंदूर की लाज रखी, पाकिस्तान को मिला करारा जवाब BLA Attack On Pakistan: भारत का साथ देने मैदान में उतरे बलोच लड़ाके, 14 पाकिस्तानी सैनिकों को किया जहन्नुम रवाना Bihar News: पटना हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, तीन बार से अधिक फेल होने पर भी परीक्षा दे सकते ये उम्मीदवार Bihar News: इंजीनियरिंग छात्र की सड़क हादसे में मौत के बाद बवाल, छात्रों ने लगाई आग, होम सेंटर की मांग पर अड़े Firing during dance: बार बालाओं के नाच में हर्ष फायरिंग में बुजुर्ग की मौत, दो बच्चे घायल, परिजनों ने लगाया हत्या का आरोप Road Accident: सड़क हादसे में बिहार के प्रसिद्ध डॉक्टर की मौत, बेटे और पत्नी की हालत गंभीर Shashi Tharoor Praise, Operation Sindoor: सिंदूर ऑपरेशन के बाद कांग्रेस नेता शशि थरूर हुए मोदी और सेना के मुरीद

बिहार : 10 साल पहले हुए विवाह को पटना HC ने किया रद्द, जानिए क्या है पूरा मामला

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 24 Nov 2023 09:24:28 AM IST

बिहार : 10 साल पहले हुए विवाह को पटना HC ने किया रद्द, जानिए क्या है पूरा मामला

- फ़ोटो

PATNA : बिहार में 10 साल पहले जबरन हुई एक शादी पर पटना हाई कोर्ट का अहम फैसला आया है। कोर्ट ने भारतीय सेना के एक कांस्टेबल की शादी को रद्द कर दिया है। सेना के जवान का  10 साल पहले बिहार में अपहृत कर बंदूक की नोक पर एक महिला के साथ उनकी जबरन शादी कर दी गई थी। याचिकाकर्ता और नवादा जिले के रविकांत को 30 जून 2013 को दुल्हन के परिवार ने उस समय अगवा कर लिया था। जब वह लखीसराय के एक मंदिर में प्रार्थना करने गए थे। इसके बाद इस मामले को लेकर इन्होनें कोर्ट में याचिका दायर की थी। 


दरअसल, बिहार के ‘‘पकड़ुआ बियाह’’ (विवाह योग्य उम्र की लड़कियों के परिवार के सदस्य द्वारा भारी दहेज देने से बचने के लिए कपटपूर्ण तरीकों का सहारा लिया जाना) का एक उदाहरण था जो एक सामाजिक बुराई है। इस विषय पर कुछ फिल्में भी बन चुकी हैं। याचिकाकर्ता सभी रीतियों के संपन्न होने से पहले दुल्हन के घर से भाग गया और ड्यूटी पर फिर से लौटने के लिए जम्मू-कश्मीर चला गया था। छुट्टी पर लौटने पर शादी को रद्द करने की मांग करते हुए लखीसराय की परिवार अदालत में एक याचिका दायर की थी। 


वहीं, परिवार अदालत ने 27 जनवरी, 2020 को उनकी याचिका खारिज कर दी जिसके बाद उन्होंने पटना उच्च न्यायालय में अपील दायर की थी। न्यायमूर्ति पी बी बजंथरी और न्यायमूर्ति अरुण कुमार झा की खंडपीठ ने यह कहते हुए निचली अदालत के आदेश को रद्द कर दिया कि पारिवारिक अदालत ने ‘‘त्रुटिपूर्ण’’ दृष्टिकोण अपनाया कि याचिकाकर्ता का मामला ‘‘अविश्वसनीय’’ हो गया क्योंकि उसने विवाह को रद्द करने के लिए ‘‘तुरंत’’ मुकदमा दायर नहीं किया था। खंडपीठ ने कहा, ‘‘याचिकाकर्ता ने स्थिति स्पष्ट कर दी है और कोई अनुचित देरी नहीं हुई है।’’


उधर, खंडपीठ ने इस महीने की शुरुआत में अपने आदेश में इस बात पर जोर देने के लिए उच्चतम न्यायालय के फैसले का भी हवाला दिया कि हिंदू परंपराओं के अनुसार कोई भी शादी तब तक वैध नहीं हो सकती जब तक कि ‘‘सप्तपदी’’नहीं की जाती उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया, ‘‘विद्वान परिवार अदालत का यह निष्कर्ष कि सप्तपदी का अनुष्ठान नहीं करने का मतलब यह नहीं है कि विवाह नहीं किया गया है, किसी भी योग्यता से रहित है।’’