Smartphone Addiction: दुनियाभर में स्मार्टफोन की लत बनती जा रही गंभीर समस्या, लोगों में बढ़ रहे कई मेंटल प्रॉब्लम

Smartphone Addiction: दुनियाभर में स्मार्टफोन की लत तेजी से बढ़ रही है। हालात यह हैं कि अब लोग कुछ देर के लिए भी अपने मोबाइल फोन के बिना नहीं रह पा रहे हैं। गूगल सर्च ट्रेंड के अनुसार...

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 15 Dec 2025 01:57:47 PM IST

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Smartphone Addiction: दुनियाभर में स्मार्टफोन की लत तेजी से बढ़ रही है। हालात यह हैं कि अब लोग कुछ देर के लिए भी अपने मोबाइल फोन के बिना नहीं रह पा रहे हैं। गूगल सर्च ट्रेंड के अनुसार, फोन एडिक्शन से जुड़ी खोजों में 461 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वहीं, फोन एडिक्शन के संकेत से संबंधित सर्च में पिछले एक महीने में करीब 200 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।


हाल ही में हुए एक सर्वे से यह भी सामने आया है कि जेन-जी (Gen Z) यूजर्स का अपने स्मार्टफोन से लगाव बेहद ज्यादा है और वे किसी भी कीमत पर इसे छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं। हाल ही में कंपेयर एंड रिसाइकिल नामक संस्था द्वारा किए गए एक सर्वे में लोगों से पूछा गया कि वे एक हफ्ते तक बिना फोन रहने की बजाय क्या त्याग कर सकते हैं। इसके जवाब काफी हैरान करने वाले रहे।


कई लोगों ने कहा कि वे एक हफ्ते तक नहाना छोड़ सकते हैं, लेकिन मोबाइल फोन के बिना नहीं रह सकते। कुछ लोगों ने कॉफी छोड़ने, तो कुछ ने एक हफ्ते तक किसी से न मिलने की बात कही, लेकिन फोन से दूरी बनाने को नामुमकिन बताया। यह दर्शाता है कि स्मार्टफोन अब लोगों की दिनचर्या का नहीं, बल्कि जीवन का अहम हिस्सा बन चुका है।


फोन की लत से होने वाले नुकसान

स्मार्टफोन की लत का सीधा असर मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। अत्यधिक फोन इस्तेमाल से डिप्रेशन, एंग्जायटी और स्ट्रेस जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं। इसके अलावा बार-बार फोन देखने की आदत से मूड स्विंग्स होते हैं और सामाजिक रिश्तों में दूरी आने लगती है। फोन एडिक्शन अकेलेपन को भी बढ़ावा देता है, जिससे व्यक्ति का मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों प्रभावित होते हैं। लंबे समय तक स्क्रीन पर रहने से आत्मविश्वास में कमी, एकाग्रता में गिरावट और कामकाजी क्षमता में कमी देखी जाती है।


अगर आपको या आपके आसपास किसी व्यक्ति में ये लक्षण दिखाई दें, तो यह स्मार्टफोन एडिक्शन का संकेत हो सकता है

फोन का अत्यधिक इस्तेमाल: दिनभर बिना जरूरत फोन चलाते रहना।

कंप्लसिव चेकिंग: बोर होने या बिना किसी कारण बार-बार फोन चेक करना।

रियल लाइफ से दूरी: असल जीवन की गतिविधियों को नजरअंदाज कर फोन पर ही समय बिताना।

रिश्तों में तनाव: फोन की वजह से परिवार या दोस्तों से दूरी बनना।

सेल्फ-कंट्रोल की कमी: फोन इस्तेमाल पर खुद को रोक न पाना।

विदड्रॉल सिम्प्टम्स: फोन न मिलने पर बेचैनी, चिड़चिड़ापन या घबराहट।

नींद की समस्या: देर रात तक फोन चलाने से नींद कम आना या नींद पूरी न होना। 


मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि समय-समय पर डिजिटल डिटॉक्स, स्क्रीन टाइम सीमित करना और ऑफलाइन गतिविधियों को बढ़ावा देना स्मार्टफोन की लत से बचने में मददगार हो सकता है। परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताना, खेलकूद और ध्यान जैसी गतिविधियां भी इस लत को कम करने में सहायक हैं।