RJD MLC Sunil Singh: राजद एमएलसी सुनील सिंह पर 43 लाख लेने का आरोप ... ना दाल दी और ना कोई जवाब दिया – FIR दर्ज Bihar News: राजस्व विभाग के कर्मचारियों को नया दर्जा, सैलरी बढ़ोतरी समेत पदनाम भी बदलेगा IPL 2025 Final: फाइनल से ठीक पहले PBKS को योगराज सिंह की सलाह, कहा "ये काम करो और ट्रॉफी तुम्हारी" Patna News: क्यों संकट में है पटना का राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज? वेबसाइट बंद होने से खतरे में मान्यता Bihar Crime News: मौलवी के प्यार को ठुकराना महिला टीचर को पड़ा भारी, किराए के हत्यारों से करवाया पिता का मर्डर Bihar news: कार के सनरूफ से सिर निकालना पड़ सकता है भारी, अब पटना पुलिस करेगी सख्त कार्रवाई Bihar Land Purchase: जमीन खरीदने में नहीं चाहिए कोई विवाद तो हमेशा करें यह 3 काम, बाद में नहीं आएगी रोने की नौबत Bihar Teacher Transfer: तबादला न चाहने वाले शिक्षकों के पास मौका, इस दिन तक कर लीजिए बस ये काम Road Accident: भीषण सड़क हादसे में एक की मौत, तीन गंभीर रूप से घायल Bihar Monsoon: प्रदेश में मानसून की बारिश इस दिन से शुरू, पूरे महीने कैसा रहेगा मौसम का हाल? जानिए...
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 29 Mar 2025 12:58:00 PM IST
प्रतीकात्मक तस्वीर - फ़ोटो Google
Geeta Updesh :जीवन हमेशा एक समान नहीं रहता, उतार-चढ़ाव आना स्वाभाविक है। सही मार्गदर्शन के बिना कठिन समय का सामना करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। श्रीमद्भगवद गीता सनातन धर्म के सबसे महत्वपूर्ण ग्रंथों में से एक है, जिसकी शिक्षाओं को अपनाने से कठिन परिस्थितियों से बाहर निकलने का मार्ग मिल सकता है। यदि आप किसी परेशानी से गुजर रहे हैं, तो गीता के ये उपदेश आपके लिए उपयोगी साबित होंगे।
संतुलित दृष्टिकोण अपनाएं
गीता के अनुसार, व्यक्ति को केवल अपने कार्य पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, बिना फल की चिंता किए। सफलता और असफलता दोनों स्थितियों में समान भाव रखना चाहिए। यदि असफलता भी मिलती है, तो हार नहीं माननी चाहिए, बल्कि धैर्य और संकल्प के साथ आगे बढ़ते रहना चाहिए।
गुस्से को त्यागें
अत्यधिक क्रोध सोचने-समझने की शक्ति को नष्ट कर देता है और मानसिक शांति को प्रभावित करता है। गीता के अनुसार, क्रोध से बुद्धि का नाश होता है, जिससे व्यक्ति सही निर्णय नहीं ले पाता। इसलिए, क्रोध पर नियंत्रण रखना सफलता और संतुलित जीवन के लिए आवश्यक है।
सफलता का रहस्य
हर व्यक्ति जीवन में सफलता प्राप्त करना चाहता है, और इसके लिए मन को नियंत्रण में रखना आवश्यक है। यदि मन एक जगह केंद्रित नहीं है, तो सफलता प्राप्त करना मुश्किल हो जाता है। जिसने अपनी इच्छाओं और मन को काबू में कर लिया, उसे सफल होने से कोई रोक नहीं सकता।
भविष्य की चिंता छोड़ें
गीता सिखाती है कि न तो अतीत की चिंता करें और न ही भविष्य को लेकर परेशान हों। हमेशा वर्तमान में जीना चाहिए। यदि परिस्थितियां प्रतिकूल भी हों, तो धैर्य बनाए रखें, क्योंकि समय हमेशा बदलता है। यदि आज बुरा समय है, तो कल अवश्य अच्छा होगा। इन उपदेशों को अपनाकर जीवन में सुख और शांति को बनाए रखा जा सकता है।