Anant Singh Arrest: “सत्यमेव जयते, मैं नहीं...अब चुनाव मोकामा की जनता लड़ेगी”, गिरफ्तारी के बाद अनंत सिंह का पोस्ट वायरल Dularchand murder case : आधी रात CJM कोर्ट में पेश हुए बाहुबली पूर्व विधायक अनंत सिंह, जेल भेजने की शुरू हुई तैयारी Anant Singh arrest: मुश्किलों में फंसे मोकामा के 'छोटे सरकार' अनंत सिंह, दुलारचंद यादव की हत्या के समय खुद थे मौजूद दुलारचंद हत्या के मामले में पुलिस ने अनंत सिंह समेत तीन लोगों को किया अरेस्ट, SSP ने कहा - घटना के वक्त खुद मौजूद थे JDU कैंडिडेट Anant Singh arrest : अनंत सिंह की गिरफ्तारी के बाद पटना ssp ने बुलाई प्रेस कॉन्फ्रेंस! कुछ देर में हो जाएगी आधिकारिक पुष्टि ; क्या होगा मोकामा सीट पर असर बड़ी खबर : दुलारचंद हत्याकांड मामले में पुलिस ने अनंत सिंह को किया अरेस्ट ! दो गाड़ियों से साथ लेकर रवाना हुए सीनियर अधिकारी ! इलाके में चर्चा हुई तेज शिक्षा और शोध में नई दिशा: पटना ISM के चेयरमैन के जन्मदिन पर IJEAM का प्रथम अंक जारी Bihar Crime News: बिहार में इलाज के दौरान महिला की मौत पर हंगामा, अस्पताल छोड़कर भागे डॉक्टर और हेल्थ स्टाफ Bihar Crime News: चुनावी तैयारियों के बीच बिहार में चाकूबाजी की घटना, नाबालिग लड़के की हत्या से हड़कंप Mahila Rojgar Yojana: अब तक 1.51 करोड़ महिलाओं को मिला 10-10 हजार, लाभ मिलने तक जारी रहेगी योजना...आवेदन की कोई अंतिम तिथि नहीं
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 01 May 2025 02:18:48 PM IST
सुप्रीम कोर्ट ने पहलगाम आतंकी हमले की जांच की मांग वाली याचिका खारिज की - फ़ोटो Google
PIL Pahalgam Attack Rejected: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले की न्यायिक जांच की मांग करने वाली जनहित याचिका (PIL) को खारिज कर दिया। इस हमले में 26 बेकसूर लोगों की हत्या हुई थी|
यह याचिका पेशे से वकील फतेश साहू ने दायर की थी। उन्होंने अदालत से अनुरोध किया था कि एक सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट जज की अध्यक्षता में जांच आयोग गठित किया जाए। साथ ही केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर प्रशासन को दिशा-निर्देश देने की अपील की थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए कहा कि इस तरह की याचिकाएं सुरक्षाबलों का मनोबल कमजोर कर सकती हैं। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एनके सिंह की पीठ ने कहा, “यह समय देश में एकता दिखाने का है, न कि सुरक्षा एजेंसियों पर सवाल उठाने का।”
याचिकाकर्ता साहू ने अदालत में उपस्थित होकर सफाई दी कि उनका उद्देश्य सुरक्षाबलों को हतोत्साहित करना नहीं था और वे अपनी याचिका वापस लेना चाहते हैं। कोर्ट ने उन्हें फटकारते हुए कहा कि ऐसे गंभीर मामलों में याचिका दाखिल करने से पहले जिम्मेदारी से काम लेना चाहिए। पीठ ने यह भी कहा कि न्यायाधीशों का काम जांच करना नहीं, बल्कि मामलों का निपटारा करना है। अदालत ने सवाल उठाया कि कैसे एक वकील जांच की मांग कर सकता है और फिर मुआवजे, गाइडलाइंस और मीडिया परिषद को निर्देश देने की बात करता है।
बता दे की ,अंत में याचिकाकर्ता ने याचिका वापस लेने का अनुरोध किया, जिसे कोर्ट ने मंजूरी दे दी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें यह स्वतंत्रता दी कि यदि वे छात्रों की सुरक्षा जैसे किसी विशिष्ट मुद्दे को उठाना चाहें, तो संबंधित हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर सकते हैं। गौरतलब है कि यह आतंकी हमला घाटी में हाल के वर्षों का सबसे बड़ा नागरिक हमला बताया गया है। सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट बार एसोसिएशनों ने इस हमले की कड़ी निंदा की थी और मृतकों को श्रद्धांजलि दी थी। यहाँ मौजूद मेने तहब जाने का