मानवता और भाईचारे की पेश की मिसाल, मुस्लिम पड़ोसियों ने हिंदू युवक की अर्थी को दिया कंधा

40 साल के मैकेनिक अजय परिवार के साथ 20 साल से किराये के मकान में रह रहा था। गुर्दे की बीमारी के कारण उसकी मौत हो गई. परिवार में कोई जिम्मेदार न होने के चलते मुसलमान पड़ोसियों ने घर पहुंचकर उनके अंतिम संस्कार की तैयारियां पूरी कीं।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 29 Dec 2025 02:31:17 PM IST

up

मानवता की मिसाल - फ़ोटो social media

DESK: उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के देवबंद कस्बे में हिंदू–मुस्लिम एकता और मानवता की एक सराहनीय मिसाल देखने को मिली। मोहल्ला कोहला बस्ती में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अपने पड़ोसी हिंदू युवक के अंतिम संस्कार की पूरी जिम्मेदारी निभाई और सभी रस्में विधि-विधान से संपन्न कराईं।


जानकारी के अनुसार, कोहला बस्ती में मुस्लिम बहुल इलाके के बीच रहने वाले 40 वर्षीय अजय कुमार सैनी पिछले करीब 20 वर्षों से अपने परिवार के साथ किराये के मकान में रह रहे थे। वह पेशे से इंजन मैकेनिक थे और लंबे समय से गुर्दे की बीमारी से पीड़ित थे। दो दिन पहले बीमारी के चलते उनका निधन हो गया। परिवार में कोई जिम्मेदार व्यक्ति मौजूद न होने के कारण अंतिम संस्कार को लेकर स्थिति कठिन हो गई थी।


ऐसे समय में मोहल्ले के सभासद पुत्र गुलफाम अंसारी अपने साथियों के साथ अजय कुमार के घर पहुंचे और परिवार की ओर से सभी जिम्मेदारियां संभालीं। उन्होंने अंतिम संस्कार के लिए आवश्यक सभी सामान जुटाया, अर्थी तैयार की और उसे देवीकुंड स्थित श्मशान घाट तक लेकर गए। वहां हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार विधि-विधान से अंतिम संस्कार कराया गया।


गुलफाम अंसारी ने बताया कि उन्हें हिंदू परंपराओं की पूरी जानकारी नहीं थी, इसलिए उन्होंने वहां मौजूद मेहमानों और परिचितों से पूछ-पूछकर सभी रस्में सही तरीके से पूरी कीं। परंपरा के अनुसार, तीन दिनों तक अजय कुमार के घर रुकने वाले मेहमानों के लिए भोजन की भी व्यवस्था की गई।


मुस्लिम युवकों द्वारा किए गए इस मानवीय कार्य की पूरे क्षेत्र में चर्चा हो रही है। मोहल्ले और आसपास के लोगों ने इसे इंसानियत, भाईचारे और आपसी सहयोग का प्रतीक बताया। स्थानीय नागरिकों और समाजसेवियों ने भी इस पहल की सराहना की है। लोगों का कहना है कि ऐसी घटनाएं समाज में सौहार्द और मानवता की भावना को और मजबूत करती हैं।