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दिल्ली और श्रीनगर में धरती हिली, लोग डर के मारे घरों और दफ्तरों से बाहर निकले

बता दें कि इससे पहले 28 मार्च की सुबह 11:50 बजे म्यांमार में 7.7 तीव्रता का भूकंप आया था। जो अब तक का सबसे बड़ा भूकंप था। जिसमें 3 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गयी थी जबकि 4500 से ज्यादा घायल हो गये थे।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 19 Apr 2025 02:44:50 PM IST

Earthquake

भूकम्प के झटके - फ़ोटो GOOGLE

EARTHQUAKE: दिल्ली-NCR और जम्मू-कश्मीर में भूकंप के झटके महसूस किये गये। अफगानिस्तान में 5.8 तीव्रता के भूकंप का असर दोनों जगहों पर देखने को मिला। इस दहशत में लोग अपने-अपने घरों और दफ्तरों से बाहर निकल गये। इस दौरान अफरा-तफरी की स्थिति उत्पन्न हो गयी। जिन लोगों ने धरती को हिलता हुआ महसूस किया वो उस पल को याद करके सहम जा रहे हैं. 


दरअसल शनिवार, दोपहर 12:17 बजे अफगानिस्तान में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.8 मापी गई। इस भूकंप का असर अफगानिस्तान-ताजिकिस्तान सीमा क्षेत्र में केंद्रित था और यह भूकंप जमीन की सतह से करीब 86 किलोमीटर की गहराई में उत्पन्न हुआ। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) के अनुसार, भूकंप का प्रभाव भारत के जम्मू-कश्मीर और दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र तक महसूस किया गया।


उत्तर भारत में दिखा असर, लोग दहशत में बाहर भागे

भूकंप के झटके दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद और ग्रेटर नोएडा में भी महसूस किए गए। जैसे ही लोगों को कंपन महसूस हुआ, वे डर के मारे अपने घरों और ऑफिसों से बाहर निकल आए। श्रीनगर में एक स्थानीय व्यक्ति ने बताया कि वह ऑफिस में काम कर रहा था, तभी उसकी कुर्सी अचानक हिलने लगी। भूकंप के झटके इतने स्पष्ट थे कि कई इलाकों में लोगों ने तुरंत इमारतें खाली कर दीं।


कितना खतरनाक था यह भूकंप?

भूकंप का केंद्र जिस क्षेत्र में था, वह भूकंप के लिहाज से एक संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है। अफगानिस्तान-ताजिकिस्तान सीमा क्षेत्र में भूकंप आना आम बात है, लेकिन इसका प्रभाव जब पड़ोसी देशों तक पहुंचता है, तो चिंता की बात बन जाती है। राहत की बात यह है कि इस भूकंप से अब तक किसी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर सामने नहीं आई है।


हाल ही में अन्य भूकंप भी डरा चुके हैं

भूकंप की यह घटना ऐसे समय में आई है जब हाल ही में भारत और पड़ोसी देशों में कई बार भूकंप के झटके महसूस किए जा चुके हैं। 28 मार्च 2025 को म्यांमार में सुबह 11:50 बजे 7.7 तीव्रता का भीषण भूकंप आया था। यह भूकंप पिछले 200 वर्षों में इस क्षेत्र का सबसे शक्तिशाली भूकंप रहा। इसकी वजह से म्यांमार में 3,000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई और 4,500 से अधिक घायल हुए। इसके झटके भारत, थाईलैंड, बांग्लादेश और चीन सहित पांच देशों में महसूस किए गए थे।


16 फरवरी 2025 को भी दिल्ली-NCR में सुबह 5:36 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए थे, जिसकी तीव्रता 4.0 रही। ढाई घंटे बाद बिहार के सिवान में भी इसी तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया। इस बार भूकंप का केंद्र नई दिल्ली था और गहराई केवल 5 किलोमीटर थी। इन झटकों के कारण भी लोग डरे हुए थे, लेकिन तब भी किसी जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं मिली थी।


सावधानी और जागरूकता जरूरी

भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाएं कब और कैसे आएंगी, इसका सटीक अनुमान लगाना मुश्किल है। ऐसे में जरूरी है कि लोग सतर्क रहें और आपातकालीन परिस्थितियों में कैसे व्यवहार करना है, इसकी जानकारी रखें। खासकर ऐसे क्षेत्रों में जो भूकंप संभावित जोन में आते हैं, वहां की इमारतों और बुनियादी ढांचे को भूकंपरोधी बनाना समय की आवश्यकता है।