Bihar Crime News: बिहार में आभूषण कारोबारी की बेरहमी से हत्या, गंभीर रूप से घायल दोस्त का इलाज जारी Chirag Paswan : खरमास के बाद बिहार यात्रा पर निकलेंगे चिराग, नई दलित सेना बनाने को लेकर भी दिया अपडेट; इन्हें मिली जबाबदेही Jan Suraj Party : PK से मुलाकात करने के लिए लगेंगे पैसे ! प्रशांत किशोर ने घर छोड़कर सारी संपत्ति जन सुराज को कर दिया दान,कहा- सिर्फ पैसे देने वाले से करूंगा मुलाकात Bihar News: करप्शन केस में छापेमारी कर सुस्त पड़ा 'विजिलेंस'..अब साख पर सवाल ! शिक्षा विभाग ने DEO को क्लिनचिट दिया, पाक साफ बताया... Job Scam: मर्चेंट नेवी में नौकरी का लालच देकर युवक से लाखों की ठगी, पीड़ित के सनसनीखेज खुलासे के बाद पुलिस छापेमारी में जुटी Bihar Politcis: पारस के चंडाल कहने पर पहली बार बोले चिराग,कहा - उनकी गाली भी आशीर्वाद, जीत की बधाई पर भी कह दी बड़ी बात Bihar Congress : बिहार चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस में भूचाल, महिला प्रदेश अध्यक्ष का इस्तीफा; कांग्रेस कार्यालय पर धरना Nitish Kumar Cabinet : मंत्रियों के विभाग बंटवारे पर सीएम आवास में बड़ी बैठक खत्म, कभी भी जारी हो सकती है लिस्ट Road Accident: तेज रफ्तार ऑटो डिवाइडर से टकराया, मासूम बच्ची की मौत; कई घायल Bihar Politics : मंत्रिमंडल गठन के बाद अब विभाग बंटवारे पर अटकी निगाहें, इस मंत्रालय के ‘अपशकुन’ की चर्चा फिर तेज
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 21 Nov 2025 01:15:07 PM IST
- फ़ोटो
Jan Suraj Party : बिहार विधानसभा चुनाव में 238 सीटों पर किस्मत आजमाने के बाद भी एक भी सीट न जीत पाने वाली जन सुराज पार्टी (जेएसपी) के संस्थापक प्रशांत किशोर ने चुनावी हार के बाद अब पूरी तरह मिशन मोड में लौटने का ऐलान किया है। पार्टी की करारी हार के बाद चंपारण के गांधी आश्रम में 24 घंटे का प्रायश्चित उपवास पूरा करने के बाद पीके ने न सिर्फ पार्टी के पुनर्गठन की बात कही, बल्कि एक ऐसा बड़ा निर्णय लिया जिसने राजनीतिक गलियारों में नई चर्चा छेड़ दी है। प्रशांत किशोर ने घोषणा की कि वे दिल्ली में अपने परिवार के लिए एक घर छोड़कर 20 साल की कमाई से जमा की गई अपनी पूरी चल-अचल संपत्ति जन सुराज पार्टी को दान कर देंगे। इतना ही नहीं, अगले पांच वर्षों में वे जो भी कमाई करेंगे, उसका कम-से-कम 90 प्रतिशत हिस्सा भी पार्टी को ही समर्पित करेंगे।
उन्होंने साफ कहा कि पार्टी को आगे बढ़ाने, संगठन मजबूत करने और जनसंपर्क को अधिक व्यापक बनाने के लिए संसाधन और पैसों की जरूरत होती है। इसलिए वे खुद अपनी कमाई और संपत्ति पार्टी को सौंपकर इस संघर्षपूर्ण राजनीतिक यात्रा को मजबूती देना चाहते हैं। प्रशांत किशोर ने आम लोगों से भी साल में कम से कम 1000 रुपये का दान देकर जन सुराज को मजबूत बनाने की अपील की। उन्होंने यहां तक कहा कि अब वे सिर्फ उसी व्यक्ति से मुलाकात करेंगे, जो जन सुराज को कम से कम 1000 रुपये का सहयोग करेगा। उनके इस बयान को संगठन को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक कड़े लेकिन स्पष्ट संदेश के रूप में देखा जा रहा है।
प्रशांत किशोर ने उपवास के बाद कहा कि जन सुराज अब एक नई शुरुआत करेगा। उन्होंने ऐलान किया कि 15 जनवरी से वे बिहार में नए सिरे से व्यापक अभियान की शुरुआत करेंगे। उनका कहना है कि जन सुराज के कार्यकर्ता अब राज्य के 1,18,000 वार्डों में जाएंगे और सरकार की वादाखिलाफी और योजनाओं के वास्तविक क्रियान्वयन की स्थिति पर जनता के बीच काम करेंगे।
विशेष रूप से उन्होंने बिहार सरकार की मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना का जिक्र किया। पीके ने कहा कि राज्य सरकार ने महिलाओं को 10 हजार रुपये देने के समय कोई शर्त नहीं रखी थी, लेकिन 2 लाख रुपये देने को लेकर कई शर्तें जोड़ी गई हैं, जिन्हें पूरा करना आम महिलाओं के लिए बेहद मुश्किल है। उन्होंने दावा किया कि ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा जारी इन शर्तों को पूरा कराने के लिए जन सुराज के कार्यकर्ता हर गांव और वार्ड में जाएंगे और महिलाओं की ओर से आवश्यक फॉर्म भरवाकर जमा करेंगे।
प्रशांत किशोर ने बताया कि बिहार की करीब डेढ़ करोड़ महिलाएं इस योजना के फायदे से जुड़ी हुई हैं, लेकिन अधिकारियों द्वारा लगाए गए प्रतिबंध और शर्तें उन्हें लाभ से दूर रख सकती हैं। इसलिए जन सुराज का नया मिशन यह होगा कि या तो महिलाओं को 2 लाख रुपये की राशि मिले, या उन्हें यह सीख मिल जाए कि भविष्य में किस तरह गलत चुनावी वादों और पैसे के बदले वोट बेचने की प्रवृत्ति से बचना है। उन्होंने कहा कि यह संघर्ष सिर्फ राजनीतिक नहीं है, बल्कि सामाजिक बदलाव से भी जुड़ा हुआ है, और जन सुराज इस दिशा में पूरी ताकत से काम करेगा।
पीके ने यह भी कहा कि चुनाव परिणाम निराशाजनक जरूर रहे, लेकिन इससे उनके उत्साह और संकल्प में कोई कमी नहीं आई है। चुनाव में मिली हार को वे जनता का संदेश मानते हैं और भविष्य में और अधिक मेहनत करके राजनीति को साफ-सुथरा, पारदर्शी और जनभागीदारी वाला बनाने का लक्ष्य रखते हैं। उन्होंने कहा कि अब जन सुराज गली-गली और वार्ड-वार्ड जाकर लोगों के बीच मुद्दों पर काम करेगा, समस्याओं को सुनेगा और जनता के बीच विश्वास बनाने की दिशा में कदम बढ़ाएगा।
उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से भी कहा कि यह समय संघर्ष का है, हताशा का नहीं। आने वाले दिनों में जन सुराज पार्टी संगठन को नए रूप में तैयार करेगी, कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करेगी और जनसंपर्क अभियान को और अधिक प्रभावी बनाएगी। पीके ने कहा कि बिहार की राजनीति में साफ नीयत, मजबूत इच्छाशक्ति और पारदर्शी नेतृत्व की भारी कमी है, और जन सुराज इसी कमी को पूरा करने के लिए बना है।
कुल मिलाकर, प्रशांत किशोर के इस फैसले ने बिहार की सियासत में नया संदेश दिया है—त्याग, पारदर्शिता और संघर्ष की राह पर चलकर वे जन सुराज को मजबूत राजनीतिक विकल्प बनाना चाहते हैं। उनकी संपत्ति दान करने और व्यक्तिगत कमाई पार्टी को देने की घोषणा ने पार्टी के भीतर नए उत्साह का संचार किया है और आने वाले दिनों में जन सुराज को बिहार की राजनीति में नई ऊर्जा के साथ देखा जाएगा।