बिहार में ‘शोले स्टाइल’ ड्रामा: पिता की डांट से नाराज बेटी 70 फीट ऊंचे मोबाइल टावर पर चढ़ी, मचा हड़कंप बिहार में ‘शोले स्टाइल’ ड्रामा: पिता की डांट से नाराज बेटी 70 फीट ऊंचे मोबाइल टावर पर चढ़ी, मचा हड़कंप Bihar Assembly Election : बिहार चुनाव के बीच राबड़ी देवी पर केंद्रित महारानी वेब सीरीज-4 का ट्रेलर लांच;महज संयोग या कोई प्रयोग Zoho Mail: Zoho Mail पर डेटा ट्रांसफर करने का आसान तरीका, जाने कैसे... Mongolian Falcon Price: कहां बिका दुनिया का सबसे महंगा बाज? इतनी कीमत में खरीद सकते हैं सवा किलो सोना Mongolian Falcon Price: कहां बिका दुनिया का सबसे महंगा बाज? इतनी कीमत में खरीद सकते हैं सवा किलो सोना Bihar STET Exam Date 2025: बिहार STET 2025 परीक्षा 14 अक्टूबर से तय, बोर्ड ने फर्जी खबरों पर लगाई रोक Delhi new secretariat : दिल्ली को मिलेगा नया और आधुनिक सचिवालय, जल्द बदल जाएगा पता; एक ही छत के नीचे सारे विभाग बिहार चुनाव से पहले बड़ी कार्रवाई: मुजफ्फरपुर में ट्रक और थार से लाखों रुपए की विदेशी शराब जब्त, स्मगलर अरेस्ट Betting Markets In India: भारत में कितने सट्टा बाजार? जानिए आज हर एक का पूरा लेखा-जोखा!
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 09 Oct 2025 01:20:09 PM IST
- फ़ोटो
Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राजनीति में नया हलचल देखने को मिल रहा है। राजद और जदयू के बीच सीट बंटवारे को लेकर चल रही जंग के बीच अब लोजपा (LJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान और केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय के बीच बढ़ती दूरी राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है। सूत्रों के अनुसार, चिराग पासवान ने नित्यानंद राय से मुलाकात नहीं की है, जिससे पार्टी के भीतर हलचल और बढ़ गई है।
लोजपा (आर ) के तरफ से पटना में एक इमरजेंसी बैठक बुलाई गई थी, जिसमें बिहार विधानसभा की संख्या और आगामी चुनाव में उम्मीदवारों के बंटवारे पर चर्चा होना तय था। हालांकि, यह बैठक बिना किसी ठोस फैसले के समाप्त हुई। चिराग पासवान के तरफ से सीट को लेकर फैसला नहीं देने सेबैठक में कोई ठोस रोडमैप तैयार नहीं हो सका।
बिहार विधानसभा में कुल 243 सीटें हैं। चुनाव में सहयोगी दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर लगातार असहमति सामने आ रही है। लोजपा अपने प्रभाव वाले जिलों में अधिकतम सीटों की मांग कर रही है, वहीं भाजपा नेतृत्व इन सीटों पर खुद के अधिकार जताने का प्रयास कर रहा है। इस स्थिति ने चुनाव की तैयारियों को जटिल बना दिया है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि चिराग पासवान की नाराजगी का असर आगामी चुनाव में पार्टी की रणनीति पर सीधे पड़ेगा। बिहार विधानसभा चुनाव में लोजपा(आर ) का लक्ष्य न केवल अपने मजबूत क्षेत्र में जीत दर्ज करना है, बल्कि सहयोगी दलों के साथ तालमेल बनाए रखना भी है। मगर यदि नेतृत्व स्तर पर मतभेद जारी रहे, तो इससे सीट बंटवारे और उम्मीदवार चयन की प्रक्रिया पर असर पड़ सकता है।
चिराग पासवान और भाजपा के बीच बढ़ती दूरी ने पार्टी के कार्यकर्ताओं में भी चिंता पैदा कर दी है। कई जिलों में कार्यकर्ताओं का कहना है कि यदि केंद्रीय नेतृत्व और राज्य नेतृत्व के बीच मतभेद सार्वजनिक हो गए, तो इसका नकारात्मक असर मतदाताओं पर भी पड़ सकता है। वहीं, पार्टी के अंदरूनी सूत्र यह भी बता रहे हैं कि नाराजगी कम करने और स्थिति को सुधारने के लिए अब किसी उच्चस्तरीय मध्यस्थता की आवश्यकता है।
पटना में हुई इमरजेंसी बैठक में तय होना था कि विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए सीट बंटवारे की रूपरेखा बनाई जाएगी। हालांकि, बैठक में न केवल कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया, बल्कि इससे यह भी संकेत मिला कि पार्टी नेतृत्व के बीच अभी पर्याप्त सहमति नहीं बनी है। राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार, यह विलंब लोजपा के चुनावी माहौल को अस्थिर कर सकता है और सहयोगी दलों के साथ संबंधों में खटास ला सकता है।
राजनीतिक विश्लेषक यह भी मानते हैं कि लोजपा नेतृत्व के भीतर मतभेद से यह संकेत भी मिलता है कि बिहार में चुनावी गठबंधन और सीट बंटवारे को लेकर रणनीतिक योजना पर अभी भी सहमति नहीं बनी है। इसलिए अब पार्टी के लिए यह जरूरी है कि वह जल्द से जल्द आपसी मतभेद सुलझाकर चुनावी रणनीति को पुख्ता करे।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण के मतदान में यह देखना दिलचस्प होगा कि चिराग पासवान और नित्यानंद राय के बीच नाराजगी का असर पार्टी की चुनावी सफलता पर कितना पड़ेगा। कार्यकर्ताओं और मतदाताओं की नजर अब इस बात पर टिकी है कि पार्टी नेतृत्व कब तक आपसी मतभेद खत्म करके चुनाव की राह आसान करेगा।